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वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया(WJI) ने पत्रकारों की 30 सूत्रीय मांगों को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर महाप्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री कार्यालय को ज्ञापन सौपा। #rjspositivemedia

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वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया(WJI) ने पत्रकारों की 30 सूत्रीय मांगों को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर महाप्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री कार्यालय को ज्ञापन सौपा।       #rjspositivemedia                                       नई दिल्ली   :: देश के पत्रकारों के सबसे बड़े संगठन वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ़ इंडिया ने आज दिल्ली के जंतर मंतर पर महा प्रदर्शन किया I इसमे देश के लगभग 30 पत्रकार संगठनों ले भाग लिया I इन संगठनों के पत्रकारों ने  पत्रकारों की दयनीय स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि देश के पत्रकारों को इस से बाहर निकालना चाहिए I  तभी पत्रकार देश के विकास मे भागीदार बन सकते है I   इस मौके पर सभी वक्ताओं ने कहा कि  पत्रकार देश और दुनियाँ मे होने वाली सभी घंटनाओ को दिखाते और छापते है I इन खबरों मे कुछ खबरें सामने वालो को पसंद नहीं आती है जिसके कारण उनकी सुरक्षा की समस्या उत्पन हो जाती है और उन पर फर्जी FIR तक दर्ज करा ...

पत्रकार रिद् म ने परिवार की परंपरा का पालन करते हुए सैलरी का पहला चेक दादी (मांजी), मम्मी और पापा के नाम। #rjspositivemedia

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 पत्रकार रिद् म ने  परिवार की  परंपरा का पालन करते हुए सैलरी का पहला चेक दादी (मांजी), मम्मी और पापा के नाम। l ---------------------------------------------------------------- नवभारत टाइम्स से पहली सैलरी आ चुकी है, इसी अवसर पर परंपरानुसार सैलरी का पहला चेक पूरे विधि विधान और मंत्रोचारण के साथ अपनी दादी माता और पिता को सौंप दिया है। तीनों बहुत खुश थे, जो उनकी आखों से साफ झलक रहा है।  दूसरा, अभी तक का अनुभव कमाल रहा। इतने कम दिनों बहुत कुछ सीखा और अभी और भी बहुत कुछ सीखना है। फिलहाल घर से ही काम चल रहा है। उम्मीद करता हूं जल्द ही ऑफिस भी खुल जाएं और न्यूजरूम में बैठने का अनुभव ले सकूं।  एक बात और, पार्टी मांगने वाले दूर रहें। सैलरी आई भले ही है लेकिन आते ही जाने वाली है, सैलरी से आईआईएमसी के सेकंड सेमेस्टर की फीस भरनी है।  और वो लोग तो खासतौर पर पार्टी न मांगे जिन्होंने अभी तक खुद नहीं दी। हां, अगर कोई पार्टी देना चाहता है तो अवश्य ही मुझे संपर्क साध सकता है। मैं हर बुधवार को पार्टी देने वालों के लिए फ्री रहूँगा।   प्यार और आ...

क्रांतिकारी पत्रकार मनदीप पुनिया की रिहाई के लिए जमानती टीम का हिस्सा बनने का सौभाग्य मिला--दिवान सिंह सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरणविद् ।शहीद भगत सिंह ने कहा था गुलामी राज करने वाले के चमड़ी के रंग पर निर्भर नहीं करती। उसने कैसी व्यवस्था बनाई है उस पर निर्भर करती है .RJS POSITIVE MEDIA

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 सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरणविद् दिवान सिंह ने कहा कि क्रांतिकारी पत्रकार मनदीप पुनिया की रिहाई के लिए जमानती टीम का हिस्सा बनने का सौभाग्य मिला। किसान आंदोलन कवर कर रहे पत्रकार को पुलिस ने किस सेक्शन के तहत पकड़ लिया और न्यायिक हिरासत में भिजवा दिया ? ये जानना जरूरी है। श्री दीवान सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि क्या आप बता सकते है कि ऐसा क्या हुआ 2006 में कि देश की जनता अंग्रेज़ी राज से भी ज्यादा गुलाम हो गयी। बस एक छोटा सा दिखने वाले कानून में बदलाव हुआ। क्या है ये ? Section 353, 332 - सरकारी मुलाज़िम के कार्य करने में बाधा  assault पर सजा। 2006 में इस जुर्म को गैर जमानती कर दिया गया। अगर आप सरकारी मुलाज़िम के टच में आते हो तो वह आपको तुरंत जेल में डलवा सकता है। 2006 से पहले और अंग्रेज़ो के समय भी आप जेल में डालने से पहले जमानत ले सकते थे।  इसलिए देखा गया है कि 2006 के बाद लगभग हर आंदोलन में भाग लेने वालों में से किसी न किसी की जेल आवश्यक होती रही है। इससे लोगो का मनोबल बहुत टूटता है। अब सरकार की नीतियों का विरोध करने का मतलब जेल है। कुछ दिन जेल ...

वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया ने कहा -वर्ष 2021के केंद्रीय बजट से पत्रकारों को घोर निराशा हुई, लोकतंत्र के प्रहरियों के आर्थिक पक्ष को सरकार नजरअंदाज कर रही है और पत्रकार सुरक्षा में भी चुक होती नजर आ रही है। पत्रकार संदीप पुनिया के रिहाई की मांग. -- WJI..-----Report---rjspositivemedia.

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🔵 वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया, ने केंद्र सरकार के वर्ष 2021 के बजट में, मीडिया व मीडियाकर्मियों के लिये, एक भी घोषणा नही करने की निंदा की है ।  🌐 वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया , ने किसान आंदोलन कवर कर रहे , पत्रकारों पर पुलिस अत्याचार की निंदा की है । यूनियन ने सिंघु बॉर्डर से पुलिस द्वारा पकड़े गए पत्रकार मंदीप पुनिया, को तुरंत रिहा करने व उसके खिलाफ आपराधिक मामले को वापिस लेने और पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग की है ।  ⚫ वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया, ने अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर, फेक न्यूज़ चलाने वाले पत्रकारों को किसी भी तरह का सहयोग नही करने का फैसला लिया है।  🟡 वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया, ने मीडिया में विदेशी विनिवेश (FDI )के खिलाफ आंदोलन छेड़ने का फैसला लिया है।  🟠 वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया , ने मीडिया से GST , हटाने की मांग की है।  नई दिल्ली, 1 फरवरी/ देश के पत्रकारों के शीर्ष संगठन, वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया, सम्बद्ध भारतीय मज़दूर संघ, ने केंद्र सरकार के वर्ष 2021 के बजट में मीडिया व मीडिया...