पत्रकार बना प्रधान न्यायाधीश छात्र नेता और श्रमजीवी पत्रकार रहा एक किसान का बेटा चौंसठ वर्षीय नूतलपाटि वेंकट रमण भारत का 48वां प्रधान न्यायाधीश नामित हो गए हैं। -----के. विक्रम राव
पत्रकार बना प्रधान न्यायाधीश छात्र नेता और श्रमजीवी पत्रकार रहा एक किसान का बेटा चौंसठ वर्षीय नूतलपाटि वेंकट रमण भारत का 48वां प्रधान न्यायाधीश नामित हो गए हैं। अगले माह (24 अप्रैल 2021) यह तेलुगुभाषी विधिवेत्ता सर्वोच्च न्यायालय में नया पद संभालेंगे। इनका ताजातरीन निर्णय बड़ा जनवादी था। कश्मीर घाटी में इन्टरनेट पर से पाबंदियों को समाप्त करना। कारण बताया कि संवाददाता पर दबाव नहीं थोपना चाहिये। नागरिक स्वतंत्रता की इनकी पक्षधरता मई 1975 से ही दृढ़तर होती गयी। तब यह 18—वर्षीय युवा अविभाजित आंध्र—प्रदेश के कृष्णा जिला के अपने गांव पोन्नवरम में एक जनसभा को संबोधित करने के बाद घर आया। पिता ने उसे तत्काल मामा के शहर रवाना कर दिया। एक अतिरिक्त जोड़ा कपड़ा ले जाने को कहा। दस रुपये दिये। बस में बैठाया। उसी शाम प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारत पर आपातकाल थोप दिया था। जेल भरायी चालू हो गई थी। किसान पिता को भनक लग गयी थी कि सत्ता—विरोधी और लोकतंत्र—समर्थक पुत्र को पुलिस शीघ्र ही कैद में डाल देगी। युवा वेंकट रमण को इस बात का गिला था कि उसे यात्रा के लिये मिले ...