नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के पहले दिन जुटी पाठकों की भारी भीड़, बहुभाषी भारत,एक जीवंत परंपरा पर थीम मंडप में हुआ संवाद
नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के पहले दिन जुटी पाठकों की भारी भीड़, बहुभाषी भारत,एक जीवंत परंपरा पर थीम मंडप में हुआ संवाद बच्चे, बड़ों सभी पुस्तकों के प्रति उत्साहित थे। पुस्तक मेले के अलग—अलग हॉल सभी को आकर्षित कर रहे थे। हॉल 3 में बालमंडप में बच्चों की दिन भर रौनक रही, जहाँ बच्चों के लिए तरह—तरह की रचनात्मक और मनोरंजक गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं। पहले दिन इस मंच पर कहानीवाचक जयश्री सेठी ने प्रसिद्ध लेखिका कांता ग्रेबाँ की 'बारास्ता तरबूज' कहानी सुनाई। डाकरूम से मुस्कान गुप्ता ने बच्चों को एन्वेलप डेकोरेशन और पत्र—लेखन की कला सिखाई। कैलीग्राफर रघुनीता गुप्ता सुलेख के माध्यम से भारतीय लिपियों के ज्ञान से परिचित करवाया। सबको भाया थीम पवेलियन बहुभाषी भारत: एक जीवंत परंपरा पर निर्मित थीम पवेलियन नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के हॉल 5 में सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा। लोग अलग—अलग भाषाओं के शब्दों के साथ सेल्फी लेते नजर आए। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा ‘भाषाएँ अनेक भाव एक’ विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में...