छत्तीसगढ़ के जाने-माने पंथी कलाकारडॉ. राधेश्याम बारले को मिला पद्मश्री सम्मान, 12 साल की उम्र से कर रहे कला की साधना
छत्तीसगढ़ के जाने-माने पंथी कलाकारडॉ. राधेश्याम बारले को मिला पद्मश्री सम्मान, 12 साल की उम्र से कर रहे कला की साधना
Dakshi Sahu
भिलाई.
भिलाई के जाने माने पंथी कलाकार डॉ. आरएस बारले के घर उस समय खुशी का माहौल हो गया जब गृह मंत्रालय भारत सरकार का एक फोन आया और बताया कि आपका नाम पंथी नृत्य व निर्देशन के क्षेत्र में पद्मश्री के लिए चयनित किया गया है। डॉ. बारले ने संत शिरोमणि गुरु बाबा घासीदास के उपदेशों, संदेश, भाईचारा, सत्य अहिंसा के साथ मनखे मनखे एक समान के विचारधारा को आम जनमानस तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया है। रविवार शाम को भारत सरकार की घोषणा हुई। सतनामी समाज के लिए पहला अवसर होगा जो पंथी नृत्य के कलाकार को पद्मश्री दिया जाएगा।
12 साल की उम्र से जुड़े हैं पंथी से
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मरोदा भिलाई निवासी पंथी नर्तक डॉ. आर एस बारले 1978 से पंथी कला से जुड़े हैं। वे पाटन के खोला गांव के रहने वाले हैं। जब सिर्फ 12 साल के थे तब अपने गांव के कुछ दोस्तों जोहन लाल कोठारी, देवसिंह भारती, पंचराम जांगड़े, शीतल कोठारी, हरप्रसाद डाहरे के साथ सतनाम पंथी एवं सांस्कृतिक समिति के नाम से गुरुघासीदास बाबा के उपदेशों को लोगों तक पहुंचने का कार्य शुरू किया।
पूरे प्रदेश में पंथी के विकास में किया काम
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डॉ. बारले ने पंथी अकादमी के नाम से पंथी कलाकारों को मंच दिया और पूरे प्रदेश में घूम-घूम कर पंथी के विकास के लिए लगातार प्रयास किया। भारत के पूरे प्रदेश में पंथी को ले जाने का गौरव आकाशवाणी रायपुर के नियमित कलाकार राधेश्याम बारले ने अभी तक देश व प्रदेश के कई महोत्सव में पंथी के जलवे दिखाए हैं। लगभग 1200 मंचीय प्रस्तुति के माध्यम से बाबा के उपदेशों को लोगों तक पहुंचाने में सफल रहे।
सामाजिक चेतना सम्मान
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डॉ. राधेश्याम बारले छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वर्ष 2012 में गुरुघासीदास समाजिक चेतना सम्मान, 2016 में भंवर सिंह पोर्ते सम्मान, 2008 में पंथी के लिए देवदास बंजारे सम्मान सहित अनेक सम्मान से सम्मानित हुए हैं। राकेश तिवारी, पद्मश्री अनुप रंजन पांडेय, दिनेश जांगड़े, अमृता बारले, निर्मल कोसरे, भूपेंद्र चाणक्य, बीरेंद्र टंडन, पवन बंजारे, रोहित कोसरिया, खेमचंद, उदय कोसरे, तारण कोसरे, जगमोहन टंडन, गीता बंजारे सहित कला क्षेत्र से जुड़े लोगों ने उन्हें बधाई दी है। पुरस्कार की घोषणा के बाद से डॉ. बारले को लगातार बधाईयां मिल रही है।
© Patrika
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