सकारात्मक भारत के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला
सकारात्मक भारत के लिए विवेकानन्द जयंती के उपलक्ष्य में कार्यशाला का 9 जनवरी को शुभारंभ
छोटे से जीवन में बड़ी सोच बहुत बड़ा बना देती है-- पार्थसारथि थपलियाल
स्वामी विवेकानन्द के नाम आरजेएस फैमिली के तीन भेंटकर्ताओं ने अपने पूर्वजों की स्मृति में आरजेएस राष्ट्रीय सम्मान 2021 घोषित किया है।
नई दिल्ली। आपकी समस्याओं के लिए जिम्मेवार आप स्वयं होते है, दूसरे तो उस अच्छे हिस्से पर काबिज होते हैं, जो आप छोड़ चुके होते हैं। दूसरे लोग केवल हमारी क्रिया पर प्रतिक्रिया देते हैं। हमारी अच्छी सोच समाज में परिवर्तन ला सकती है।
ऐसी तमाम सकारात्मक सोच का भारत बनाने के लिए राम-जानकी संस्थान नई दिल्ली द्वारा शनिवार 9जनवरी2021 को दो दिवसीय आरजेएस राष्ट्रीय वेबिनार का उद् घाटन मुख्य अतिथि व प्रेरणास्रोत रामजग सिंह ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि
राष्ट्रीय युवा दिवस -स्वामी विवेकानन्द जी की जयंती 12 जनवरी के उपलक्ष्य में आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला से टीम आरजेएस फैमिली और खासकर नई पीढ़ी को नई सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी। स्वामी विवेकानन्द जी के शब्दों में अगर जीवन में समस्या नहीं आये तो समझ लीजिए आप गलत मार्ग पर हैं।
आज के मुख्य वक्ता पार्थ सारथि थपलियाल जी के व्यक्तित्व से आरजेएस फैमिली समय समय पर प्रेरित होती रही है। आज नि:संदेह सभी लोगों के जीवन को नई दिशा मिलेगी।
आरजेएस ऑब्जर्वर दीप माथुर ने थपलियाल जी और आरजेएस फैमिली का स्वागत करते हुए कहा कि सकारात्मक भारत महा आंदोलन में कई गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है।ऐसा करते हुए हम अपनै पूर्वजों व महापुरूषों का सम्मान भी करते हैं। आरजेएस राष्ट्रीय सम्मान 2021 इसी श्रृंखला की एक कड़ी है। स्वामी विवेकानन्द के नाम का आरजेएस राष्ट्रीय सम्मान 2021 मेरे सहित दो अन्य लोगों श्रीमती विनय वार्ष्णेय और आशीष पाण्डेय ने किया है। बेविनार में तकनीकी सहयोग डेली डायरी न्यूज़ का रहा।
वेबिनार के प्रखर वक्ता, चिंतक, लेखक और वरिष्ठ मीडियाकर्मी पार्थसारथि थपलियाल ने कहा कि
दृढ़ संकल्प से ही मंजिल संभव है। उतिष्ठत् जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत, स्वामी विवेकानन्द जी ने ये कहकर दुनिया को सफल होने तक नहीं रूकने का संदेश दे दिया। श्री थपलियाल का कहना है कि जीवन बहुत छोटा होता है, इसे खुशहाल बनाया जा सकता है ।विश्वास करें आप अपनी दृष्टि बदलेंगे, सकारात्मक दृष्टिकोण रखेंगे तो ,उधर सृष्टि बदल जाएगी। इस तरह के विचारों के साथ उन्होंने सफल जीवन के गुर बताए और अभ्यास सत्र को भी संबोधित किया।
वेबिनार में
पत्रकार की पोटली से जरूरतमंदों की सेवा करने वाले हिंदी खबर राष्ट्रीय चैनल के संवाददाता जसवीर सिंह जस्सी सम्मानित अतिथि थे।
रामजानकी संस्थान, जो विगत साढ़े पांच वर्षों से "सकारात्मक भारत अभियान" को जन जन तक पहुंचाने का काम कर रहा है, के राष्ट्रीय संयोजक उदय मन्ना ने बताया कि संस्थान की सोच है कि हम भारतीय नागरिकों का यह पहला उद्देश्य हो कि सब कुछ बाद में पहले राष्ट्र। हमारा राष्ट्र तब मजबूत होगा जब हम अपनी राष्ट्रीय संस्कृति को पहचानते हों। लोगों में निराशा और नकारात्मकता इतनी भारी हुई है कि उससे राष्ट्र को हानि हो रही है। व्यक्तियों में व्यक्तिगत सकारात्मकता की राष्ट्रीय सोच विकसित करना कठिन है ,लेकिन असंभव नहीं। इन्हीं बातों की पूर्ति के लिए सकारात्मक भारत अभियान के अंतर्गत 9 व 10 जनवरी 2021 को स्वामी विवेकानंद जयंती (12 जनवरी ) को समर्पित यह सकारात्मक कार्यक्रम, वेब-कार्यशाला के माध्यम से किया जा रहा है। रविवार 10 जनवरी को प्रतिभागियों को अपने विचार प्रकट करने का अवसर दिया जाएगा। आरजेएस संस्थान की पहुंच अभी 25 राज्यों तक है ।इसे विस्तार देने के लिए इस प्रशिक्षण से ही नए प्रबोधक और समन्वयक चयन किये जायेंगे, जो राष्ट्र प्रथम-वन्दे मातरम की अलख को देश के अन्य भागों तक पहुंचाएंगे। इस दो दिवसीय प्रशिक्षण के पहले दिन देशभर से 50 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया। अप्रत्यक्ष रूप से अनेक जिज्ञासुओं ने भी भाग लिया। आर जे एस पर्यवेक्षक दीप माथुर ने प्रतिभागियों और अतिथियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि
लगभग 2 घंटे चले इस सत्र को प्रशिक्षक पार्थसारथि थपलियाल ने ऊर्जापूर्ण होकर रोचकता से मैत्री स्तर पर नकारात्मकता वाली सोच को सकारात्मकता में बदलने की पूरे मनोयोग से प्रयास किया।
वेबिनार में डा.ओपी झुनझुनवाला ,डा.नरेंद्र टटेसर,प्रखर वार्ष्णेय, हरीश शर्मा, कुसुम प्रसाद , संतोष झा, डा.मीना, सुप्रिया ,शिखा डबास,सुमन झुनझुनवाला,वैभव भारद्वाज,ऋचा चतुर्वेदी, रोहित कुमार,बीके किरण और अतुल ने उत्साह से भाग लेकर अपनी समस्याओं का समाधान पाया।
श्री थपलियाल ने बताया कि
हमारी आधी से ज्यादा समस्याएं हमारी अपनी नकारात्मक सोच का परिणाम है। शारीरिक व्याधियां भी इसी से बढ़ती हैं और समाज मे लड़ाई झगड़े भी हमारी नकारात्मक सोच का परिणाम हैं। छोटे से जीवन को बड़ा बनाएं, मुस्कुराना सीखिये। राष्ट्रीय सोच स्वयं विकसित होगी।
उदय मन्ना
9811705015
rjspositivemedia@gmail.com
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