राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2021#आरजेएस की 137वीं बैठक के सह-आयोजक अभिप्सा संस्था (झुनझुनवाला परिवार) ने प्रथम राष्ट्रपति डा.राजेंद्र प्रसाद की पुण्यतिथि और ऑरोविले आश्रम, पुद्दुचेरी का स्थापना दिवस 28फरवरी को आयोजित करने की घोषणा की।
137वीं आरजेएस सकारात्मक बैठक- राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी 2021, पटना (बिहार)
बैठक में परिचर्चा का विषय --- *मानसिक दिव्यांगता और मानसिक परेशानियां: वैज्ञानिक कारण और बचाव*
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2021 की थीम है STI(Science, Technology & Innovation) का भविष्य: शिक्षा, कौशल और कार्य पर प्रभाव.
सह-आयोजक-अभीप्सा संस्था(झुनझुनवाला परिवार)
राम जानकी संस्थान (आरजेएस) नई दिल्ली और तपसिल जाति आदिवासी प्रकटन्न सैनिक कृषि विकास शिल्पा केंद्र गेंटगोरी (धनियाखली) पश्चिम बंगाल के सकारात्मक भारत जन-आंदोलन के अंतर्गत राष्ट्रव्यापी सकारात्मक बैठकों की श्रृंखला में पटना(बिहार) में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन किया जाएगा.
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस-28 फरवरी 1928 में भारतीय वैज्ञानिक भारत रत्न डॉक्टर चंद्रशेखर रमन(सी.वी.रमन) भौतिक विज्ञान में प्रकाश प्रकीर्णन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण रमन इफेक्ट के खोज की घोषणा की थी ।इसके लिए उन्हें 1930 में भौतिकी के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस खोज को यादगार बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा 1986 में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की घोषणा की गई और 1987 से 28 फरवरी को विज्ञान दिवस मनाया जाने लगा।
28 फरवरी महान दार्शनिक-चिंतक और स्वतंत्रता सेनानी महर्षि अरविन्द के सपनों का शहर ऑरोविले की स्थापना दिवस और भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि दी जाएगी।
महान दार्शनिक-चिंतक और स्वतंत्रता सेनानी महर्षि अरविन्द घोष की मानवतावादी और आध्यात्मिक विचारों को गति देने के लिए
पुद्दुचेरी स्थित सूर्योदय के शहर ऑरोविले की स्थापना श्री ऑरोबिन्दो सोसाइटी की एक परियोजना के रूप 28 फ़रवरी 1968 को "मां" मीरा अल्फासा द्वारा की गई।
भारत के प्रथम राष्ट्रपति एवं महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी भारत रत्न डा.राजेंद्र प्रसाद भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के प्रमुख नेता और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में प्रमुख भूमिका निभाई। उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया था। राष्ट्रपति होने के अतिरिक्त उन्होंने भारत के पहले मंत्रिमंडल में 1946 एवं 1947 मेें कृषि और खाद्यमंत्री का दायित्व भी निभाया था। सम्मान से उन्हें प्रायः 'राजेन्द्र बाबू' कहकर पुकारा जाता है।28फरवरी इनकी पुण्यतिथि है।
सह-आयोजक- अभीप्सा संस्था,झुनझुनवाला परिवार( भेंटकर्ता-RJS राष्ट्रीय सम्मान) ,
सहयोग- रोहित कुमार (भेंटकर्ता-RJS राष्ट्रीय सम्मान 2021)
पटना(बिहार)
RJS POSITIVE MEDIA
9811705015
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