24 फरवरी-जन्मदिन अभिनेता जाॅय मुखर्जी और गायक तलत महमूद/ पुण्यतिथि-महिला अभिनेत्रियों श्रीदेवी,ललिता पवार, की पुण्यतिथि । ----- #rjspositivemedia
फिल्म अभिनेत्री श्रीदेवी की पुण्यतिथि-24फरवरी.
फिल्म----'जूली', 'सोलवां सावन', 'सदमा', 'हिम्मतवाला', 'नगीना', 'मिस्टर इंडिया', 'निगाहें', 'चालबाज़', 'चांदनी', 'लाडला', 'इंग्लिश विंग्लिश' आदि।
पुरस्कार-उपाधि ----पद्मश्री, राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार- सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (2017)
श्रीदेवी ने मुख्यधारा के सिनेमा के अलावा कई आर्ट फ़िल्मों मे भी काम किया, जिसे भारत में पैरलल सिनेमा कहा जाता है।
अद्यतन
श्रीदेवी (पूरा नाम- श्री अम्मा यंगर अय्यपन), जन्म- 13 अगस्त, 1963, तमिलनाडु; मृत्यु- 24 फ़रवरी, 2018, दुबई) भारतीय सिनेमा की मशहूर अभिनेत्रियों में से एक थीं। वह सिनेमा की दुनिया में श्रीदेवी के नाम से प्रख्यात रहीं। श्रीदेवी ने हिंदी फ़िल्मों के अलावा तमिल, मलयालम, तेलुगु और कन्नड़ फ़िल्मों में भी काम किया था। उन्होंने अपने सिने कॅरियर की शुरुआत 1979 में फ़िल्म 'सोलवां सावन' से की थी, लेकिन उन्हें बॉलीवुड में सही पहचान फ़िल्म 'हिम्मतवाला' से मिली। इस फ़िल्म के बाद वह हिंदी सिनेमा की सुपरस्टार अभिनेत्रियों में शुमार हो गयीं। उन्हें तीन बार फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार मिला था। 2013 में श्रीदेवी को भारत सरकार की ओर से पद्मश्री सम्मान से भी नवाजा गया।
फिल्म अभिनेत्री ललिता पवार की पुण्यतिथि-24फरवरी
फिल्म---राजकुमारी’ (1938), ‘हिम्मत-ए-मर्द’ (1935), ‘श्री 420’ , ‘आनंद’ ‘अनाड़ी’, सुजाता, हम दोनो आदि।
पुरस्कार-उपाधि--- फ़िल्मफेयर पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री (1959), संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1961)
ललिता पवार ने लगभग 600 फ़िल्मों में काम किया और 'शो मस्ट गो ऑन' की भावना को जिया।
ललिता पवार जन्म- 18 अप्रैल, 1916; मृत्यु- 24 फ़रवरी, 1998) हिन्दी सिनेमा की प्रसिद्ध अभिनेत्री थीं। जिन्होंने अभिनय की यात्रा का सात दशक लंबा सफर तय किया। भारतीय नारी का जीवन जीते हुए एक संजीदा कलाकार जिन्होंने सिनेमा को कई यादगार फ़िल्में दीं। ‘जंगली’ की सख्त मां, ‘श्री 420’ की केला बेचने वाली, ‘आनंद’ की संवेदनशील मातृछवि और ‘अनाड़ी’ की मिसेज डिसूजा सहित अनेक चरित्रों की जीवंत छवियों को कैसे भूला जा सकता है। रामानन्द सागर द्वारा निर्मित 'रामायण' धारावाहिक में मंथरा की भूमिका को सजीव भी ललिता पवार ने ही बनाया था।
जॉय मुखर्जी जन्म- 24 फ़रवरी, 1939, झाँसी; मृत्य- 9 मार्च, 2012, मुम्बई) हिन्दी फ़िल्मों के आकर्षक अभिनेताओं में से एक थे। वे उन अभिनेताओं में से एक थे, जिन्होंने भारतीय दर्शकों के दिलों पर बहुत लम्बे समय तक राज किया था। उन्होंने 'एक मुसाफ़िर एक हसीना', 'फिर वही दिल लाया हूँ', 'लव इन टोक्यो' और 'शागिर्द' जैसी यादगार फ़िल्में दी थीं। जॉय मुखर्जी पर फ़िल्मांकित और मोहम्मद रफ़ी के द्वारा गाये गए कई गीत आज भी लोगों की ज़ुबाँ पर हैं, जैसे- 'फिर वही दिल लाया हूँ', 'बहुत शुक्रिया बड़ी मेहरबानी', 'ले गई दिल गुड़िया जापान की', 'दुनिया पागल है या फिर मैं दीवाना' और 'बड़े मियाँ दीवाने ऐसे ना बनो' आदि। जॉय मुखर्जी के परिवार का फ़िल्मों से काफ़ी पुराना रिश्ता रहा है। वे स्वयं मशहूर अभिनेता अशोक कुमार के भांजे थे।
*प्रसिद्धि ग़ज़ल गायक तलत महमूद जयंती-24फरवरी*
फिल्म----मालिक', 'सोने की चिड़िया', 'एक गाँव की कहानी', 'दीवाली की रात', 'रफ़्तार', 'डाक बाबू', 'वारिस', 'दिल-ए-नादान', 'तुम और मैं', 'राजलक्ष्मी' आदि।
पुरस्कार-उपाधि 'पद्मभूषण' (1992)
विशेष योगदान
'ग़ज़ल' गायकी को श्रेष्ठता व सम्मान दिलाने में आपका ख़ास योगदान था।
तलत जी ने हिन्दी फ़िल्मों में आखिरी बार 'जहाँआरा' के लिए गाया। इस फ़िल्म का संगीत मदन मोहन ने दिया था।
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