आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के श्रृंखलाबद्ध आरजेएस बैठकों का आगाज ,सरकारों को स्वैच्छिक समर्थन .स्वामी विवेकानंद के नाम आरजेएस का राष्ट्रीय सम्मान घोषित, विवेकानंद और शहीदों को श्रद्धांजलि
आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के श्रृंखलाबद्ध आरजेएस बैठकों का आगाज ,सरकारों को स्वैच्छिक समर्थन .
स्वामी विवेकानंद के नाम आरजेएस का राष्ट्रीय सम्मान घोषित, विवेकानंद और शहीदों को श्रद्धांजलि
नई दिल्ली। भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के श्रृंखलाबद्ध कार्यक्रमों को रामजानकी संस्थान आरजेएस द्वारा स्वैच्छिक समर्थन देने का फैसला लिया गया।
भगतसिंह राजगुरु और सुखदेव के बलिदान का दिन शहीद दिवस पर आरजेएस ऑब्जर्वर दीप माथुर की अगुवाई में हुई दिल्ली की 145 वीं आरजेएस सकारात्मक बैठक में "राष्ट्र प्रथम: भारत एक परिवार" का लोकार्पण प्रख्यात कवियित्री डॉक्टर कीर्ति काले ,आध्यात्मिक गुरु सुरजीत सिंह जी दीदेवार- श्रीमती परमजीत कौर और ब्रम्हाकुमारी शिल्पा बहन ने किया ।इस अवसर पर दीप माथुर की धर्मपत्नी स्वर्गीय शोभा दीप माथुर की स्मृति में स्वामी विवेकानंद के नाम आरजेएस का राष्ट्रीय सम्मान 2021 भी घोषित हुआ।
स्वामी विवेकानंद और शहीदों के चित्र पर सभी ने पुष्पांजलि अर्पित की और आरजेएस की तरफ से राष्ट्र के प्रति सकारात्मक सोच का प्रतीक चिन्ह प्रदान किया गया।
शहीद दिवस पर राम जानकी संस्थान नई दिल्ली और टीजेएपीएस केबीएसके गुंटेगेरी( धनियाखली) पश्चिम बंगाल के तत्वावधान में आयोजित बैठक में मुख्य अतिथि प्रख्यात कवयित्री डॉक्टर कीर्ति काले ने कहा कि राष्ट्र सर्वोपरि रहना चाहिए, हम रहें ना रहें ,ये देश रहना चाहिए। समाज में सकारात्मक लोग एक साथ नहीं रहते और मीडिया सकारात्मक खबरें नहीं दिखाती इसलिए नकारात्मकता बढ़ रही है। डॉक्टर कीर्ति काले ने देशभक्ति कविता का पाठ करते हुए कहा "भारत के नौजवानों भारती पुकारती है, भेदभाव छोड़ कर साथ साथ आइए" अगली कविता में उन्होंने कहा "भारत के वासी हम, हिंद के निवासी हम, हमें अपने वतन पर अभिमान है, धर्म -जाति -भाषा चाहे अनेक यहां, एक धरती हमारी एक आसमान है".
मुख्य वक्ता आध्यात्मिक गुरु सुरजीत सिंह जी दीदेवार ने दीदेवार शब्द का मतलब समझाया और स्वयं के स्वामी बनने का मंत्र दिया। उन्होंने सांसो के अभ्यास सत्र और प्रश्नोत्तरी में शंकाओं का समाधान प्रस्तुत किया। शहीदों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उनलोगों का मकसद किसी को मारना नहीं था।गुंगी बहरी सरकार को जगाने के लिए केवल धमाका करना उनका मकसद था। शस्त्र से कभी कल्याण नहीं हुआ, समग्र जन-कल्याण के लिए शास्त्र हैं। और समाज को शास्त्रार्थ की बेहद आवश्यकता है।
अतिथि वक्ता ब्रह्मकुमारी शिल्पा बहन ने राष्ट्र प्रथम :भारत एक परिवार को विस्तार से बताया. उन्होंने स्वामी विवेकानंद की चर्चा करते हुए कहा कि उनके गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने ज्ञान दिया कि इंसान को जिस चीज की तड़प होती है उसे वही चीज मिलती है। क्योंकि सकारात्मक सोच के साथ प्रयास ही सफलता दिलाती है।
बैठक में पूर्व जज अक्षय कुमार, ब्रह्मकुमारी रेणु बहन,दूरदर्शन से इशहाक खान आकाशवाणी से ललित कुमार, बहुमुखी प्रतिभा के धनी कवि डा. साक्षात भसीन,टीवी 19 से ब्यूरो चीफ संजय मितवा,चोपड़ा, सुशील शर्मा, श्रीमती विजय शर्मा, नंदकिशोर , सामाजिक कार्यकर्ता सुशील खन्ना,शंकुतला जी,गायक कीमती राही, पत्रकार करण खालिद हुसैन आदि ने सकारात्मक बैठक का जोरदार समर्थन किया। अगली बैठक दिल्ली में पूर्ति फूड विजन और नशामुक्ति जागरूकता की दिल्ली में और एसोसिएट प्रोफेसर डा.वहाब की तमिलनाडु तथा डा.पुष्कर बाला की दूसरी बैठक जमशेदपुर के महाविद्यालय में आयोजित की जाएगी।
उदय मन्ना
9811705015
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