गरीबी को मात देकर अशोक बने अव्वल दर्जे के सैंड आर्टिस्ट, मशहूर शिक्षक आरके श्रीवास्तव ने कहा बिहार का गौरव है सैंड आर्टिस्ट अशोक #rjspositivemedia, #rjsvani,#artist
गरीबी को मात देकर अशोक बने अव्वल दर्जे के सैंड आर्टिस्ट, मशहूर शिक्षक आरके श्रीवास्तव ने कहा बिहार का गौरव है सैंड आर्टिस्ट अशोक -
बिहार के छपरा जिले के एक कलाकार रेत पर कलाकृति उकेर रहे है, जिसके प्रतिभा को पुरा देश सलाम कर रहा है। गूगल बॉय कैटिल्य पंडित के गुरु आरके श्रीवास्तव ने सैंड आर्टिस्ट अशोक के प्रतिभा को सलाम किया है , देश के प्रतिष्टित शिक्षक आरके श्रीवास्तव ने बताया की आज अशोक से फ़ोन पर बातचीत हुआ, उनके द्वारा किया जा रहा कार्य समाज को नयी दिशा दे रहे है। हमें अशोक पर गर्व है।
कौन है सैंड आर्टिस्ट अशोक ----
नेवाजी टोला धर्मशाला छपरा बिहार के रहने वाले श्री बबन महतो के पुत्र अशोक को बचपन से ही आर्ट का शौक था, आरके श्रीवास्तव ने बताया की बातचीत के दौरान अशोक ने बताया की साइन बोर्ड पेन्टिंग से कैरियर शुरू किया था और उसी समय से लगातार कड़ी मेहनत से आर्ट को सीखते गए और सबसे बड़ी बात उन्होने बताया की खास तरीका भी है पेंटिंग बनाने का तरीका विकसीत किया जो बिना ब्रश के ही पेन्टिंग बनाते हैं 'बॉडी प्रिंट आर्ट' और इनकी पेंटिंग की प्रदर्शनी लगभग भारत के सभी शहरों में लग चुकी है और बताते चलें की ये एक सफल गोताखोर भी हैं, इन्होंने पानी में डूबते हुए लगभग चार सौ से भी अधिक लोगों को बचाया है। और पूरे सारण में कोई भी डूब जाता है तो ये ही पानी में डुबकी लगाकर डूबे हुए व्यक्ति को निकालते हैं।ये प्रशिक्षित गोताखोर हैं।
ये सैंड आर्टिस्ट हैं, बचपन से बालू से खेलते खेलते और छपरा में ही अपने गुरू मेहदी शॉ जी से कला की बारीकियों को सीखा।ये समय समय पर समाज में घटित घटनाओं पर आधारित अपने सैंड आर्ट से मैसेज देने की कोशिश करते हैं। महापुरुषों का जन्म हो या श्रधांजलि अर्पित करना हो अपने सैंड आर्ट के जरिए दर्शाने की बखूबी कोशिश करते हैं।
देश में मार्च से शुरू हुआ लॉकडाउन किसी के लिए अच्छा रहा तो किसी के लिए बहुत ही बुरा, मध्यम वर्ग के कलाकारों की बात करें तो संकट के इस समय में उनके आय का स्रोत न के बराबर था, पर समझदार वही है जो अपने समय का सदुपयोग करे। आज की हमारी कहानी एक ऐसे ही कलाकार की है, चेहरे पर गजब का आत्म विश्वास लंबे-लंबे बाल कला को अपनी ज़िंदगी मानने वाले।
सैंड आर्टिस्ट के नाम से अपनी पहचान बनाने वाले अशोक कुमार।
सैंड आर्ट, पेंटिंग, गोताखोरी और समाजसेवा सभी कामों को बख़ूबी करते हैं अशोक,
एक गरीब परिवार में जन्में सैण्ड आर्टिस्ट अशोक कुमार (Sand Artist Ashok Kumar) बिहार के छोटे से शहर छपरा (Chhapra) के रहने वाले हैं। अशोक कला के काफ़ी धनी व्यक्ति है। सैंड आर्ट के साथ-साथ पेंटिंग और गोताखोरी में भी निपुण हैं। रंगों के माध्यम से बहुत ही बेहतरीन चित्र बनाते हैं। बच्चों को पेंटिंग सिखाने के लिए ‘कला पंक्ति’ नाम से कोचिंग संस्थान भी चलाते हैं। अपने दो विद्यार्थी पंकज और पवन को यह अपना दाहिना और बाया हाथ मानते हैं। हर साल अपने विद्यार्थियों को पेंटिंग प्रदर्शनी लगाने में भी मदद करते है। इसके अलावा समाजसेवा में भी प्रतिदिन अपना कुछ समय देते हैं।
लॉकडाउन में बनाए कई सैंड आर्ट जिसे कई फिल्म स्टार और न्यूज चैनल ने किया है शेयर---
लॉकडाउन के दौरान अशोक ने कई सैंड आर्ट बनाए। इन्होंने अपने इस कला के माध्यम से लोगों को घर में सुरक्षित रहने का संदेश दिया। अपने सैंड आर्ट के जरिए लोगों से लगातार अपने हाथों को धोने और मास्क पहनने की अपील की। भारत का नक्शा बनाकर लॉकडाउन नियमों का पालन करने और लोगों से उन्हें अपने घरों में रहने के लिए अनुरोध किया। कोरोना योद्धाओं जैसे डॉक्टर, नर्सेज, पुलिस, सफाईकर्मी को असली हीरो मानते हुए, उन्हें सैल्यूट करने और उनका हौसला बढ़ाने के लिए भी इन्होंने एक सैंड आर्ट बनाया। साथ ही मीडियाकर्मियों को भी सैंड आर्ट बनाकर सैल्यूट किया। जिला प्रशासन ने भी कोरोना काल में लोगों को जागरुक करने के लिए अशोक के आर्ट की मदद ली। बड़े पर्दे पर खलनायक की भूमिका में नज़र आने वाले और रियल लाइफ हीरो कहलाने वाले सोनू सूद (Sonu Sood) की तस्वीर भी रेत से उकेरी थी। अशोक कुमार के इस कलाकृति को सोनू सूद ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर शेयर करते हुए सैंड आर्टिस्ट अशोक को आभार व्यक्त किया था और कलाकारी की प्रशंसा भी की थी।
अशोक कुमार ने सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) का चित्र भी सैंड आर्ट के जरिए बनाया था। जिसे सोशल मीडिया पर आम जनता सहित कई एक्टर व राजनीतिज्ञ ने शेयर कर सुशांत सिंह के लिए इंसाफ की मांग की। नाना पाटेकर (Nana Patekar) ने अशोक के इस कला की सराहना की और सुशांत सिंह मामले की सीबीआई जांच के संबंध में ट्वीट किया था। पत्रकार अर्णव गोस्वामी (Arnav Goswami) ने भी इस सैंड आर्ट को ट्वीट किया था।
केरल के मल्लापुरम में हथिनी की मौत (Pregnant Elephant killed) से दुखी छपरा के सैंड आर्टिस्ट (Chapra Sand Artist) अशोक ने इसे विश्वासघात बताते हुए एक सैंड आर्ट बनाया है। खाने की तलाश में इंसानी आबादी में पहुंची गर्भवती हथिनी को कुछ लोगों ने पटाखों (Explosives Pineapple) से भरा अनानास दे दिया था। ये अनानास हथिनी के मुंह में फट गया और तीन बाद उसकी मौत हो गई। घायल हथिनी इतने दर्द में थी कि तीन दिनों तक वह कुछ खा-पी भी नहीं पाई और लगातार पानी में खड़ी रही।
इसके अलावा अशोक ने 7 अप्रैल को वर्ल्ड हेल्थ डे और 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर भी रेत से कारीगरी की थी। इनके एक सैंड आर्ट जिसे उन्होंने ‘विश्वासघात’ का नाम दिया था, उसे न्यूज चैनल तक पर भी दिखाया गया। चाइनीज ऐप पर प्रतिबंध लगाए जाने पर भी इन्होंने ‘प्रहार’ नाम से एक सैंड आर्ट बनाया था जिसे आज तक ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया था। दुनिया के सबसे घातक लड़ाकू विमान ‘राफेल’ का स्वागत भी इन्होंने सैंड आर्ट बनाकर ही किया था। राम मंदिर पर भी इन्होंने बेहद ही खूबसूरत सैंड आर्ट बनाया था।
लॉकडाउन नियमों का पालन करते हुए अपने घर के पास बनाए सभी सैंड आर्ट
अशोक ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से सैंड आर्ट करने उनके सभी विद्यार्थी नहीं आ पाते थे। कभी प्रकाश, कभी संदीप, तो कभी सोनू और इनमें से किसी के नहीं रहने पर उनका छोटा बेटा विकास उनकी मदद करता था। अशोक ने सभी सैंड आर्ट लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए अपने घर के पास घाघरा नदी के सीढ़ी घाट के समीप बनया था।
आर्थिक स्थिति ठीक नहीं पर कला को ही मानते हैं अपनी दुनिया
अशोक कुमार ने बताया, “जब दुपहर में घर के सबलोग खाना खाकर आराम करते थे, तब भी मैं कड़ी धूप में सैंड आर्ट बनाता था। थोड़ा-थोड़ा कर के जब अच्छा बनता था तो उसे आगे बनाने में मन भी लगता था। मुझे ख़ुशी है कि मैंने अपना पूरा लॉकडाउन आर्ट को जीने में बिताया है।” वह आगे कहते हैं, इस लॉकडाउन में आर्थिक स्थिति तो ठीक नहीं रही पर एक कलाकार अपनी कला को ही दुनिया समझता है और मेरी यह दुनिया बहुत खुशहाल रही।
प्रसिद्ध एक कथन है, “खुद को गलतियाँ करने देना रचनात्मकता. ये जानना कि कौन सी गलतियों को रखना है ; कला है.” और इस कला को ही अपनी दुनिया मानने वाले सैण्ड आर्टिस्ट अशोक कुमार (Sand Artist Ashok Kumar) को नमन करता है।
रिपोर्ट-RJS POSITIVE MEDIA
सकारात्मक भारत जन-आंदोलन
9811705015.
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