1 रूपये फीस लेकर बच्चों को शिक्षित करने वाले सुजीत चट्टोपाध्याय पद्मश्री सम्मान से हुए सम्मानित, पेश कर रहे हैं इंसानियत की नई मिसाल .‘केवल दूसरों के लिए जिया गया जीवन ही सार्थक होता है।’ #rjspositivemedia

1 रूपये फीस लेकर बच्चों को शिक्षित करने वाले सुजीत चट्टोपाध्याय पद्मश्री सम्मान से हुए सम्मानित, पेश कर रहे हैं इंसानियत की नई मिसाल
 ‘केवल दूसरों के लिए जिया गया जीवन ही सार्थक होता है।’  #rjspositivemedia, 
यह कथन पूरी तरह से सुजीत चट्टोपाध्याय के जीवन पर सटीक बैठता है।  जो अपने लिए नहीं, बल्कि निःस्वार्थ भाव से मानवता की सेवा कर रहे हैं। इनके बारे में जानकर आपका अच्छाई पर विश्वास और मज़बूत हो जाएगा। 
सुजीत चट्टोपाध्याय पेशे से एक शिक्षक हैं। वो करीब 350 छात्रों को पढ़ाते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी आज की इस मंहगाई के दौर में भी वो सालाना 1 रूपये प्रति छात्र फीस लेते हैं। सुजीत चट्टोपाध्याय की खास बात यह है कि 76 वर्ष की उम्र में भी वो पूरे जोश से बच्चों को पढ़ाते हैं। गांव के लोग उन्हें ‘मास्टर मोशाई’ कहते हैं। आज सुजीत चट्टोपाध्याय की बदौलत कई गरीब छात्र अपने जीवन में अच्छे मुकाम पर पहुंच चुकें है। सुजीत चट्टोपाध्याय के इसी जज्बे के कारण भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया है। लेकिन सुजीत चट्टोपाध्याय के लिए एक छोटे से गांव से निकलकर पद्मश्री पाने तक का सफर इतना आसान नहीं था। आइए जानते हैं उनके जीवन का प्रेरणादायी सफर।

देश का भविष्य कर रहे हैं तैयार

कोलकाता के कैकोफोनी से तीन घंटे की दूरी पर वर्धमान के औसग्राम गांव में रहने वाले 76 वर्षीय सुजीत चट्टोपाध्याय पेशे से शिक्षक हैं। वह अपने आंगन में करीब 350 छात्रों को पढ़ाते हैं, जिसमें से 80 प्रतिशत लड़कियां गरीब परिवार की हैं। सुजीत बच्चों को पढ़ाने के लिए सालाना महज़ 1 रुपए की फीस लेते हैं, उनके घर के इस स्कूल का नाम ‘सदई फकीर पाठशाला’ है। उनके स्कूल के कई बच्चे बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक हासिल करके जीवन में आगे बढ़ चुके हैं। सुजीत को रिटायर हुए 15 साल से भी ज्‍यादा का समय हो चुका है लेकिन फिर भी वो अपने घर से बच्चों को शिक्षित करते हैं। यही नहीं वे थैलीसीमिया जैसी बीमारी को लेकर जागरूकता अभियान भी चलाते हैं। देश के भविष्य को अच्छा बनाने में सुजीत चट्टोपाध्याय अहम भूमिका निभा रहे हैं।

 सिर्फ 1 रुपये में पूरे साल बच्चों को करते हैं शिक्षित 
सुजीत चट्टोपाध्याय के अध्ययन की खास बात यह है कि मंहगाई के इस दौर में भी वो छात्रों से मात्र 1 रूपये सालाना फीस लेकर बच्चों को शिक्षित करते हैं। यह फीस हर कक्षा के बच्चों पर लागू होती है. चट्टोपाध्याय बच्चों से यह फीस परीक्षा देने जाने से पहले लेते हैं. 1965 में सुजीत चट्टोपाध्याय ने अपने ही गांव के एक स्कूल में शिक्षक के तौर पर काम शुरू किया था और प्रिंसिपल के तौर पर साल 2004 में उसी स्कूल से रिटायर भी हुए थे। रिटायरमेंट के बाद भी पढ़ाने का उनका जूनून कम नहीं हुआ। वो एक साथ 300 छात्रों को ट्यूशन पढ़ाते हैं। 

पढ़ाने के साथ थैलेसीमिया रोगियों करते हैं देखभाल

सुजीत चट्टोपाध्याय का सामाजिक कार्य केवल बच्चों को शिक्षित करने तक ही सीमित नहीं है। वो इसके साथ ही इलाके के थैलेसीमिया रोगियों की देखभाल भी करते हैं। वो उनकी आर्थिक सहायता करते हैं और कैंप लगा कर उनके कष्टों का निवारण करते हैं। आउश ग्राम जंगल महल इलाके में आदिवासियों की भारी तादाद है और कई आदिवासी शिक्षा से आज भी वंचित है. साथ ही सुजीत बाबू आदिवासियों के दर्द को भी समझते हैं, क्योंकि उनमें से कई लोग थैलेसीमिया से पीड़ित है और ऐसे लोगों की सेवा भी सुजीत चट्टोपाध्याय  बखूबी निभा रहे हैं. छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के साथ ही कई साल पहले से सुजीत की पहल से थैलेसीमिया जागरूकता शिविर और इससे पीड़ित लोगों को सहायता प्रदान की जा रही है।  सुजीत चट्टोपाध्याय  हर साल सरस्वती पूजा यानि वसंत पंचंमी के दिन थैलेसीमिया शिविर का आयोजन करते हैं। उनके छात्र विभिन्न गावों में जाकर वह थैलेसीमिया जागरूकता शिविर का आयोजन करते हैं। 

पद्मश्री सहित कई सम्मान से हो चुके हैं सम्मानित

सुजीत चट्टोपाध्याय  के कार्यों की जितनी प्रशंसा की जाए वो कम होगी। समाज सेवा करने के साथ बच्चों को शिक्षित करने का जो महान कार्य वो कर रहे हैं उसके लिए भारत सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान में से एक पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया है। सुजीत चट्टोपाध्याय  को पद्मश्री सहित कई अन्य पुरस्कारों से भी नवाज़ा गया है। 

सुजीत चट्टोपाध्याय बच्चों को शिक्षित करने के साथ थैलीसीमिया के प्रति जिस तरह से समाज को जागरूक कर रहे हैं, उनकी मदद कर रहे हैं वो वाकई तारिफ करने के योग्य है। सुजीत चट्टोपाध्याय  ने अपने कार्यों की बदौलत अपनी सफलता की कहानी (Success Story) लिखी है। मात्र 1 रूपये फीस लेकर पढ़ाने वाले सुजीत चट्टोपाध्याय आज लाखों लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत (Inspiration) है। Bada Business सुजीत चट्टोपाध्याय के कार्यो, उनकी मेहनत एवं उनके लगन की तहे दिल से सराहना करता है। यदि आप Bada Business के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट के इस लिंक https://www.badabusiness.com/ibc?ref_code=Facebook पर क्लिक कर सकते हैं।
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  1. जयहिंद जयभारत सकारात्मक भारत

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