विश्व योग दिवस की पूर्व संध्या पर आरजेएस राष्ट्रीय वेबिनार में योग व अध्यात्म पर परिचर्चा, सकारात्मक भारत भवन व सूचना-केंद्र का उद्घाटन और दिवंगत संपादक को श्रद्धांजलि.



विश्व योग दिवस की पूर्व संध्या पर योग व अध्यात्म पर आरजेएस वेबिनार और कोरोना से दिवंगत पत्रकार को श्रद्धांजलि.
वेबिनार में आरजेएस सकारात्मक भारत भवन केंद्रीय कार्यालय और  देशभर में खुलने वाले सूचना-केंद्रों का उद्घाटन हुआ ।

नई दिल्ली/ 
राम-जानकी संस्थान आरजेएस द्वारा  7वां  विश्व योग दिवस की पूर्व संध्या पर  राष्ट्रीय वेबिनार
का आयोजन किया गया ।
इसमें कोरोना से निधन संपादक/पत्रकार सुरेश त्रेहण को दस राज्यों से जुड़ी आरजेएस फैमिली के सदस्यों ने  श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर स्व०श्री त्रेहण की धर्मपत्नी श्रीमती शशि त्रेहन और परिवार के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
आरजेएस फैमिली से जुड़े नजफगढ़ संवाद के दिवंगत संपादक स्व०‌सुरेश त्रेहण को श्रद्धांजलि देने वालों में समाजसेवी हरेंद्र सिंघल,बिनोद बंसल, डा. नरेंद्र टटेसर, प्रांजल श्रीवास्तव,मानिक मिगलानी,अक्षरा,विशाल त्रेहण,महक त्रेहण, डा पुष्कर बाला,साधक ओमप्रकाश झुनझुनवाला,आशीष पाण्डेय, डा.अखिलेश चंद्र, डा.शकुंतला ठाकुर,विनोद मेहरा,प्रेमप्रभा झा और संतोष झा,सुमन झुनझुनवाला, दलशेर आर्य,राजदेव यादव,वैभव,अल्ताफ हुसैन,राजेश यादव,दलशेर आर्य,मयंकराज, आकांक्षा, आरजेएस युवा टोली,
आदि शामिल हुए। धन्यवाद ज्ञापन लेखक डा.बिनय कुमार विष्णुपुरी ने किया और सफल संचालन आरजेएस के राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने किया।
देशभर में खुलने जा रहे सकारात्मक भारत सूचना-केंद्र और सकारात्मक भारत भवन के केंद्रीय कार्यालय का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि आध्यात्मिक गुरु सुरजीत सिंह दीदेवार ने कहा कि सकारात्मक सोच से व्यक्ति *स्वयं का स्वामी* बन सकता है।
दीदेवार प्रश्नोत्तरी में आरजेएस फैमिली ने भाग लिया और अपनी शंकाओं का समाधान पाया।
इसमें आध्यात्मिक रूप से जीवन में योग किस रूप से सहायक हो सकता है?
शरीर श्वास एवं विचार के योग
से ही जीवन में सभी प्रकार की
उपलब्धि कैसे प्राप्त हो सकती हैं? आरजेएस फैमिली ने दो घंटे के दीदेवार प्रश्नोत्तरी कराने की मांग की। 
कोविड19 के समय में योग का महत्व बढ़ गया है कहना था मुख्य वक्ता योगी कवि प्रेम भाटिया का।
उन्होंने कहा कि मध्यस्थ दर्शन  (सह-अस्तित्ववाद) में योग दो प्रकार से उल्लेखित किया गया..........1)प्राप्त योग ...जो प्रकृति की सभी ईकाइयों को हमेशा प्राप्त ही रहता है। वह व्यापक है जिसे हम ईश्वर , परमात्मा , भगवान के नामों से भी जानते हैं। उसे अनुभूत करना है। 2) प्राप्य योग ......जो मिले और बिछुड़ जाये ....जैसे तन, माता पिता सगे- सम्बन्धी , सभी सम्पर्क इत्यादि.
यह सब इसीलिए ताकि हम प्राप्त योग को अनुभव कर सभी सुख से जी पायें।
 योगिक क्रियाओं से स्वस्थ शरीर का निर्माण होता है। जिसका मन अच्छा होता है वही दूसरे का मन ठीक कर सकता है।
वेबिनार के आरंभ में आरजेएस ऑब्जर्वर दीप माथुर ने कहा कि
   योग दिवस की शुरुआत साल 2015 से हुई थी.संयुक्त राष्ट्र ने इंटरनेशनल योगा डे 2021 की थीम 'स्वास्थ्य के लिए योगा (Yoga for Well Being)' रखी है। उन्होंने बताया कि स्व० सुरेश त्रेहण एक सकारात्मक व्यक्तित्व थे और सकारात्मक भारत आंदोलन की दो बैठकें की थी।
सुरेश त्रेहण जी और श्रीमती शशि त्रेहन जी को आरजेएस स्टार फैमिली अवार्ड 2018 से सम्मानित किया गया था। आरजेएस फैमिली की ओर से 
देश भर में खुलने वाला आरजेएस सकारात्मक भारत सूचना-केंद्र 
सभी राज्यों में ‌सकारात्मक भारत आंदोलन में उत्प्रेरक का काम करेंगे।

उदय मन्ना
9811705015

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