कभी ख़ुद यौन शोषण का हुईं थी शिकार, आज 23 हज़ार से अधिक महिलाओं और बच्चियों को यौन तस्करी से मुक्त कराने वाली समाजसेविका सुनीता कृष्णन पद्मश्री सम्मान से हुईं सम्मानित,#rjspositivemedia

कभी ख़ुद यौन शोषण का हुईं थी शिकार, आज 23 हज़ार से अधिक महिलाओं और बच्चियों को यौन तस्करी से मुक्त कराने वाली समाजसेविका सुनीता कृष्णन पद्मश्री सम्मान से हुईं सम्मानित
जब सारा समाज किसी मुद्दे पर चुप्पी को ओढ़ खामोशी के सागर में गोते लगा लेता है, तब एक अकेली आवाज़ भी ज़ोर से गूंजती है और बहुत दूर तक पहुँचती है। समाज के लिए कुछ अच्छा करने और सामाजिक बदलाव लाने में कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने वाले लोगों में से एक हैं सुनीता कृष्णन। बेंगलुरू की रहने वाली कभी ख़ुद यौन शोषण का शिकार हुईं थी लेकिन हार मानने की बजाय उन्होंने इसके खिलाफ ना केवल लड़ाई लड़ी बल्कि 23 हज़ार से भी अधिक महिलाओं और बच्चियों को यौन तस्करी के दलदल से मुक्त कराने का महान कार्य भी किया है। सुनीता कृष्णन आज देश की महान समाजसेविकाओं में से एक बन गईं है। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन समाज में फैली बुराईयों को दूर करने के लिए समर्पित कर दिया है। यही कारण है कि समाज सेवा के प्रति उनके कार्यों को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया है। ख़ुद के साथ हुए शोषण के बाद समाजसेविका के रूप में लोगों के जीवन की रक्षा करने का सफ़र तय करना सुनीता कृष्णन के लिए आसान नहीं था। आइए जानते हैं उनके जीवन का प्रेरणादायी सफर।

15 साल की उम्र में हुआ यौन शोषण, फिर भी नहीं मानी हार

साल 1972 में कर्नाटक के बैंगलुरू में जन्मी सुनीता कृष्णन को बचपन से ही समाज सेवा का शौक है। जब वे 8 साल की थीं, तब उन्होंने मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों को डांस सिखाना शुरू कर दिया था। 12 साल की उम्र में वे वंचित बच्चों के लिए झुग्गियों में स्कूल चलाती थीं। 15 साल की उम्र में जब वे दलित कम्युनिटी के लिए नव साक्षरता अभियान चला रही थीं, तब 8 लोगों ने उनका यौन शोषण किया था। शायद उन्हें उनके पुरुष प्रधान समाज में एक महिला की दखलंदाजी पसंद नहीं थी। सुनीता को कई बार बुरी तरह पीटा भी गया था। इससे उनका एक कान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया और उन्हें कम सुनाई देने लगा। हालांकि, सुनीता ने हार नहीं मानीं और अपने समाज सेवा के काम को आज भी जारी रखा है।

कई बार मारने की हुई थी कोशिश

सुनीता कृष्णन बताती हैं कि 17 बार उन पर जानलेवा हमला हो चुका है। सुनीता कहती हैं, "जब तक मेरी सांस है, तब तक दूसरी लड़कियाँ जो इस तरह से पीड़ित वेश्यालयों में हैं, उनके लिए मैं अपनी ज़िन्दगी को समर्पित करूंगी" वह कहती हैं कि उनपर ऑटो रिक्शा में हमला हो चुका है, एसिड फेंका जा चुका है, ज़हर खिलाने की भी कोशिश की गई है, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। वह हमेशा से महिलाओं की रक्षा के लिए कार्य करते रहना चाहती हैं।

महिलाओं की रक्षा के लिए एनजीओ का किया निर्माण

कभी ख़ुद यौन शोषण का शिकार हुई सुनीता कृष्णन ने यौन अपराधों के दलदल से महिलाओं को बाहर निकालने के लिए साल 1996 में प्रज्वल्ला नाम से एक एनजीओ की शुरुआत की। ये एनजीओ महिलाओं के संरक्षण, बचाव और पुनर्वास के लिए काम करता है। अपने 25 वर्षों के सफ़र में प्रज्वल्ला ने पुलिस को 23,000 से अधिक महिलाओं और लड़कियों को यौन अपराधों से बचाने में मदद की है। साथ ही उन महिलाओं और बच्चियों के जीवन को भी बेहतर बनाने का वह कार्य कर रही हैं।

कौन बनेगा करोड़पति पर हुईं थी आमंत्रित

सुनीता कृष्णन के महान कार्यों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें 'कौन बनेगा करोड़पति' के स्पेशल प्रोग्राम कर्मवीर में आमंत्रित किया गया था। जहाँ उन्होंने अपने साथ हुए दर्दनाक हादसे के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने कैसे समाज की बुराइयों का सामना करते हुए महिलाओं की रक्षा की, इस बारे में भी जनता को परिचित कराया।

पद्मश्री और मदर टेरेसा अवॉर्ड से सहित कई सम्मान से हो चुकी हैं सम्मानित

सुनीता कृष्णन ने अपने हौसले और साहस के दम पर समाजसेवा के क्षेत्र में अपनी एक विशेष पहचान बनाई है। उनके कार्य बहुत सराहनीय है। यही कारण हैं कि समाज सेवा के क्षेत्र में उनके कार्यों को देखते हुए साल 2016 में भारत सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान 'पद्मश्री' से सम्मानित किया था। यही नहीं उन्हें मदर टेरेसा अवॉर्ड से भी नवाज़ा जा चुका है। उनका नाम लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है।

सुनीता कृष्णन आज सही मायने में लाखों लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत (Inspiration) है। उन्होंने अपने हौसले और मेहनत के दम पर सफलता की नई कहानी (Success Story) लिखी है। समाज सेवा में उनके द्वारा किया गया कार्य अद्भुत है। Bada Business सुनीता कृष्णन के कार्यों और समाज सेवा के प्रति उनके समर्पण की तहे दिल से सराहना करता है। STORY COURTESY - BABA BUSINESS
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