Delhi Parents Association (DPA) ने आज मुख्यमंत्री केजरीवाल और अनिल बैजल को पत्र लिखकर 3000 पेरेंट्स द्वारा भरे गए google form जिसमें 98% पेरेंट्स ने कोरोनकाल में माँगे जा रहे arrear का विरोध किया है, #rjs_positive_media
*Delhi Parents Association (DPA) ने आज मुख्यमंत्री केजरीवाल और अनिल बैजल को पत्र लिखकर 3000 पेरेंट्स द्वारा भरे गए google form जिसमें 98% पेरेंट्स ने कोरोनकाल में माँगे जा रहे arrear का विरोध किया है, सभी पेरेंट्स की ओर से विरोध दर्ज़ करवाया* और *सरकार से अनुरोध किया कि आने वाली 12जुलाई को HC में सरकार पेरेंट्स के पक्ष को दृढ़ता से रखे*
ज्ञातव्य है कि DPA द्वारा दिल्ली के पेरेंट्स से google form भर अपना पक्ष रखने की अपील की गई थी, जिनमे अभी तक लगभग 3000 पेरेंट्स ने अपना पक्ष रखा। जहाँ 90% पेरेंट्स मानते हैं कि शिक्षा विभाग HC एकल बेंच में पेरेंट्स का पक्ष दृढ़ता से रखने में विफ़ल है और 98% पेरेंट्स ये मानते हैं कि इस कोरोनकाल मे केवल 15%की छूट देकर arrear के नाम पर माँगे जाने वाली मोटी रकम पूर्णतया ग़लत है।
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माननीय श्री अरविन्द केजरीवाल जी,
मुख्यमंत्री दिल्ली
माननीय श्री अनिल बैजल जी,
उपराज्यपाल दिल्ली
विषय: 2953+ पेरेंट्स (आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं) की ओर से करोनाकाल में बढ़ी स्कूली फ़ीस सम्बंधित विरोध पत्र और सरकार से पेरेंट्स की आवाज़ और उनका पक्ष सुनने और पेरेंट्स व बच्चों पर लगातार हो रहे अत्याचारों से मुक्ति दिलवाने के लिए अनुरोध पत्र
माननीय,
दिल्ली के पेरेंट्स को एक आर्डर जिसके तहत TUITION FEES. ANNUAL FEES और DEVELOPMENT FEES 15% की कटौती के साथ पिछले साल 2020 -21 की बकाया (ARREAR) के रूप में और 2021-22 की इन सभी उक्त मदों की फीस जमा करवानी है, जिसके कारण मध्यम वर्गीय परिवारों पर अतिरिक्त FINANCIAL बोझ आ गया है।
हमारे पास लगातार आ रही शिकायतों के मद्देनज़र DELHI PARENTS ASSOCIATION (DPA) द्वारा चलाई गयी मुहीम जिसमे पेरेंट्स को अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया जिससे वो भी सरकार और सिस्टम तक अपनी आवाज़ पंहुचा सकें। आपको ये बता दें कि ये आँकड़े लगातार बढ़ रहे है, कुछ ही घंटों में लगभग 3000 पेरेंट्स ने गूगल फॉर्म भरकर विरोध प्रकट किया है।
हमारी इस गूगल फॉर्म/ सिग्नेचर कैम्पेन की मुहीम के अंतर्गत लगभग 3000 पेरेंट्स के भाग लिया :
90% पेरेंट्स ये मानते हैं कि दिल्ली शिक्षा विभाग द्वारा सरकार, विभाग व पेरेंट्स के पक्ष को DELHI HIGH COURT में ठोस दलीलों के साथ अच्छे से नहीं रखा गया था परिणाम स्वरूप आज पेरेंट्स के ऊपर स्कूलों को उन मदों में भी फीस की भरपाई करनी पड़ रही है जिसकी सुविधाएँ स्कूल द्वारा इस करोनाकाल में नहीं दी गयी।
98% पेरेंट्स ये मानते हैं कि दिल्ली शिक्षा विभाग द्वारा ज़ारी 1 जुलाई 2021 का आर्डर जिसके तहत आज पेरेंट्स को 15% की कटौती के साथ पिछले साल 2020 -21 की TUITION FEES के अतिरिक्त ANNUAL और DEVELOPMENT FEES जमा करवानी है, पूर्णतया पेरेंट्स और बच्चों की अधिकारों के विरुद्ध हैं। इसके पीछे पेरेंट्स की बहुत सी दलीलें है
DELHI PARENTS ASSOCIATION (DPA) आपको ये बताना चाहता है कि दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले 98% पेरेंट्स आज दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा जारी 1 जुलाई 2021 के आर्डर के पूर्णतया विरोध में हैं।
और
दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले सभी पेरेंट्स की ओर से अनुरोध करते हैं कि कृपया दिल्ली के पेरेंट्स की आवाज़ और उनका पक्ष भी सुने और पेरेंट्स व बच्चों पर लगातार हो रहे अत्याचारों से मुक्ति दिलवाए और इसी उम्मीद के साथ की 12 जुलाई 2021 में DELHI HIGH COURT DOUBLE BENCH में होने वाली सुनवाई में दिल्ली शिक्षा विभाग द्वारा सरकार, विभाग व पेरेंट्स के पक्ष को दृढ़ता और आंकड़ों के साथ रखा जायेगा। जिसके तहत शिक्षा विभाग आँकड़ों जिसमे सभी प्राइवेट स्कूलों द्वारा पिछले 5 सालों में जमा करवाई गयी DSEAR 1973 SECTION 17(3) की FINANCIAL STATEMENTS, उनके पास जमा SURPLUS FUND और RESERVE FUND को दर्शाते हुए, अपने पक्ष को मजबूती से रखेगा। जिससे दिल्ली की जनता का सरकार के प्रति विश्वास सुदृढ़ होगा।
आपके समक्ष हम गूगल फॉर्म में भरे गए आंकड़ों (आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं) को साझा कर रहे हैं:
प्र 1. क्या आप मानते हैं कि दिल्ली शिक्षा विभाग द्वारा सरकार, विभाग व पेरेंट्स के पक्ष को DELHI HIGH COURT में ठोस दलीलों के साथ अच्छे से रखा गया था? Q 1. Do you believe that the opinions and thoughts of the government, department and parents were well placed with sound arguments by the Delhi Education Department in the Delhi High Court?
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प्र 2. DELHI HIGH COURT की SINGLE BENCH द्वारा जारी आर्डर जिसके तहत आज पेरेंट्स को 15% की कटौती के साथ पिछले साल 2020 -21 की TUITION FEES के अतिरिक्त ANNUAL और DEVELOPMENT FEES जमा करवानी है. क्या आप मानते हैं कि ये फैसला ठीक है? Q 2. The order is issued by SINGLE BENCH of DELHI HIGH COURT, under which now parents have to submit annual and development fees in addition to last year's 2020-21 TUITION fee with 15% deduction. Do you believe that this decision is right?
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एक बार फ़िर माननीय श्री अरविन्द केजरीवाल जी, मुख्यमंत्री दिल्ली और माननीय श्री अनिल बैजल जी उपराज्यपाल दिल्ली से अनुरोध करते हैं कि कृपया दिल्ली के पेरेंट्स की आवाज़ और उनका पक्ष भी सुने और पेरेंट्स व बच्चों पर लगातार हो रहे अत्याचारों से मुक्ति दिलवाए और इसी उम्मीद के साथ की 12 जुलाई 2021 में DELHI HIGH COURT DOUBLE BENCH में होने वाली सुनवाई में दिल्ली शिक्षा विभाग द्वारा सरकार, विभाग व पेरेंट्स के पक्ष को दृढ़ता और आंकड़ों के साथ रखा जायेगा। जिसके तहत शिक्षा विभाग आँकड़ों जिसमे सभी प्राइवेट स्कूलों द्वारा पिछले 5 सालों में जमा करवाई गयी DSEAR 1973 SECTION 17(3) की FINANCIAL STATEMENTS, उनके पास जमा SURPLUS FUND और RESERVE FUND को दर्शाते हुए, अपने पक्ष को मजबूती से रखेगा। जिससे दिल्ली की जनता का सरकार के प्रति विश्वास सुदृढ़ होगा।
हम उम्मीद करते हैं, कि सरकार करोड़ों की संख्या में प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने वाले पेरेंट्स व बच्चों के हितों को ध्यान में रख कर हर संभव कदम उठाएगी।
Report by
RJS POSITIVE MEDIA
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