आरजेएस -टीजेएपीएस केबीएसके आजादी की गाथा35 राष्ट्रीय वेबिनार में उठी विश्व मानव एकता की आवाज- RJS फैमिली. .जलवायु परिवर्तन और परमाणु हथियार मानव एकता के लिए सबसे बड़ा खतरा-- डा ए के मर्चेंट. बुद्ध और गांधी के आदर्शों से ही दुनिया में आ सकती है मानव एकता--- मलिंग गोम्बू.विज्ञान और धर्म सभी मिलकर चलेंगे तभी आएगी मानव एकता --आचार्य प्रेम भाटिया.

आरजेएस -टीजेएपीएस केबीएसके आजादी की गाथा35 राष्ट्रीय वेबिनार में उठी विश्व मानव एकता की आवाज.
जलवायु परिवर्तन और परमाणु हथियार मानव एकता के लिए सबसे बड़ा खतरा-- डा ए के मर्चेंट.
बुद्ध और गांधी के आदर्शों से ही दुनिया में आ सकती है मानव एकता--- मलिंग गोम्बू.
विज्ञान और धर्म सभी मिलकर चलेंगे तभी आएगी मानव एकता --आचार्य प्रेम भाटिया.
अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस पर आरजेएस-टीजेएपीएस केबीएसके की आजादी की अमृत गाथा में दर्जन भर महापुरुषों को श्रद्धांजलि
नई दिल्ली ।  आरजेएस-टीजेएपीएस केबीएसके का आजादी की अमृत गाथा के  35 वें राष्ट्रीय वेबिनार में 
दुनिया में हो रहे जलवायु परिवर्तन और परमाणु हथियारों की होड़ पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि समाज में डर ना हो , इसके लिए
शांति और अहिंसा का रास्ता मानव एकता की रक्षा करेगा।
अतिथियों का स्वागत वेबीनार के सह-आयोजक आरजेएस ऑब्जर्वर दीप चंद्र माथुर ने किया और सफल संचालन आरजेएस सूचना केंद्र जमशेदपुर की प्रभारी डा पुष्कर बाला ने किया।
राम-जानकी संस्थान आरजेएस के राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना और तपसिल जाति आदिवासी प्रकटन्न सैनिक कृषि बिकाश शिल्पा केंद्र टीजेएपीएस केबीएसके, पश्चिम बंगाल के सचिव सोमेन कोले ने बताया कि वेबिनार में दस राज्यों से जुड़े लोगों के साथ संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित 20 दिसंबर अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस के पूर्व आयोजन किया गया।
मुख्य अतिथि
डॉ. ए. के. मर्चेंट, महासचिव टेंपल ऑफ अंडरस्टैंडिंग इंडिया फाउंडेशन ने कहा कि अमीरी और गरीबी की बढ़ती खाई को मानव एकता के लिए चुनौती बताया । उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर और मौलाना आजाद सरीखे महापुरुषों ने जो शब्दों में कहा उसे हमें अपने जीवन में और चरित्र में अपनाना होगा। माता-पिता को चाहिए कि वह बच्चे को शुरू से ही संस्कार दें  और नई शिक्षा नीति में संस्कृति सभ्यता और संस्कार दर्ज है उसे विद्यालयों और कॉलेजों में अमलीजामा पहनाने की जरूरत है।  हमारी चुनौतियां जलवायु परिवर्तन और परमाणु हथियार  और ये  पृथ्वी को भस्म करने के लिए‌ सिर्फ 100  सेकंड लगेंगे।
संबोधन के अंत में उन्होंने दिल्ली के लोटस टेंपल में बैठक करने के लिए आमंत्रित भी किया।
वेबिनार के मुख्य वक्ता पूर्वोत्तर भारत के मलिंग गोम्बू कार्यकारिणी सदस्य
 इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कन्फ़ेडरेशन और महासचिव
इंडियन हिमालयन काउंसिल ऑफ नालंदा बुद्धिस्ट ट्रैडिशन
IHCNBT, दिल्ली ने अल्लामा इक़बाल के देशभक्ति गीत
"कुछ बात है कि हस्ती, मिटती नहीं हमारी। सदियों रहा है दुश्मन, दौर-ए-ज़माँ हमारा"
 उन्होंने कहा कि भारत में अनेकता में एकता की संस्कृति है जो सदियों गुलामी के बाद भी आज भी कायम है। उन्होंने इस खतरे से आगाह किया कि आज भी हमें बुद्ध और गांधी जैसे महापुरुषों के शांति और अहिंसा के सिद्धांत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए सकारात्मक सोच नई पीढ़ी में विकसित करने की आवश्यकता है। 
 विश्व भारती योग संस्थान दिल्ली के संस्थापक निदेशक योगी कवि प्रेम भाटिया ने कहा कि
विज्ञान और धर्म सभी मिलकर चलेंगे तभी मानव एकता आएगी आज जरूरत है सत्य को समझने की और सही तरह आगे बढ़ने की सख्त पर नहीं चलने से उपकार नहीं अपकार होगा ।
अगर समाज में डर ना हो तो मानव एकता आएगी इसलिए माना कि जहां को गुलजार न कर सके कुछ खास तो कम कर ही गए गुजरे जिस घर से हम।
  वेबीनार में स्वतंत्रता सेनानियों और महापुरुषों को आरजेएस फैमिली की ओर से भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई, जिनके नाम इस प्रकार हैं - रामप्रसाद बिस्मिल,अशफाक उल्ला खान,
   ठाकुर रोशन सिंह,तारकनाथ दास,मजहरूल हक, सोहन सिंह भकना,पंडित गेंदालाल दीक्षित,
  चौ.चरण सिंह,महावीर प्रसाद द्विवेदी, श्रीनिवास रामानुजन
 दिलीप कुमार और भिखारी ठाकुर। 
वेबीनार में आरजेएस पाॅजिटिव स्पीकर्स रहे ओमप्रकाश झुनझुनवाला, ममता रानी, प्रेमप्रभा झा ,सुमन कुमारी,दीपा भूषण डा‌.मीना, वैभव भारद्वाज ,इशहाक खान, डा नरेंद्र टटेसर,  और शैलकुमारी दास आदि जिनके विचार साझा किए गए। 
हर रविवार आरजेएस वेबिनार के अंतर्गत 24 दिसंबर राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस के उपलक्ष्य में रविवार 26 दिसंबर 2021को आजादी की अमृत गाथा 37 की घोषणा हुई। 36 वां अंक देशभर से आए विडियो को यूट्यूब पर अपलोड कर सेनानियों और महापुरुषों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।

उदय मन्ना
9811705015

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