महिला शिक्षा की प्रथम योद्धा सावित्रीबाई फुले की जयंती पर आरजेएस ने राष्ट्रीय शिक्षिका दिवस मनाया . आरजेएस-टीजेएपीएस केबीएसके की आजादी की अमृत गाथा मेंआरजेएस फैमिली ने दो दर्जन सेनानियों व महापुरुषों को श्रद्धांजलि व चर्चा की..


  महिला शिक्षा की प्रथम योद्धा सावित्रीबाई फुले की जयंती पर आरजेएस ने राष्ट्रीय शिक्षिका दिवस मनाया 
आजादी की अमृत गाथा मेंआरजेएस फैमिली ने दो दर्जन सेनानियों व महापुरुषों को श्रद्धांजलि व चर्चा की
नई दिल्ली। भारत वीरांगनाओं के इतिहास से भरा है, लेकिन महिला शिक्षा की प्रथम योद्धा सावित्रीबाई फुले की बात सबसे अलग है ।
अपने पति महात्मा ज्योतिबा फुले की प्रेरणा से पढ़कर भारत की प्रथम शिक्षिका और प्रथम स्कूल की संस्थापिका सावित्रीबाई फुले की जयंती पर आरजेएस- टीजेपीएस केबीएसके की आजादी की अमृत गाथा-39 वें वेबीनार में चौधरी इंद्रराज सिंह सैनी के सानिध्य में प्रथम राष्ट्रीय शिक्षिका दिवस  मनाया गया ।
 वेबीनार में साबित्रीबाई के गुरु पति ज्योति बा फुले और इनकी सहयोगी फातिमा शेख की जानकारी भी  साझा की गई।
वास्तव में फातिमा शेख ने लड़कियों, खासकर दलित और मुस्लिम समुदाय की लड़कियों को शिक्षित करने में सन्‌ 1848 के दौर में अहम योगदान दिया था। फातिमा शेख ने दलित महिलाओं को शिक्षित करने का प्रयास करने वाली सावित्रीबाई फुले और महात्मा ज्योतिबा फुले के साथ काम किया था। फातिमा शेख को नमन्।
 
इस अवसर पर दर्जन भर स्वतंत्रता सेनानियों और महापुरुषों को आरजेएस फैमिली की ओर से श्रद्धांजलि गई। ये हैं सावित्रीबाई फुले, मुरारी लाल शर्मा गुप्त, शहीद विट्ठल कोतवाल, वीरपांडेया कट्टवोम्मन, सोहन सिंह भाकना, दुष्यंत कुमार, कृष्ण बल्लभ सहाय, रविशंकर शुक्ल, डॉ. संपूर्णानंद,मौलाना हसरत मोहनी, डॉ. राहत इंदौरी डॉ. शांति स्वरूप भटनागर,मन्नतू पदमनाभन्, सफदर हाशमी, डॉ राधा बाई, अजित प्रसाद जैन, मोहन राकेश, लुईस ब्रेल, गोपालदास नीरज, और राहुल देव बर्मन। इसमें आरजेएस फैमिली से जुड़ी हाल ही में दिवंगत (31-12-2021) डा शकुंतला ठाकुर को श्रद्धांजलि दी गई।वेबीनार में देशभर की पॉजिटिव स्पीकर्स ने आरजेएस फैमिली की ओर श्रद्धांजलि दी गई। 


 वेबीनार में अध्यक्षीय संबोधन देते हुए डॉ हरिसिंह पाल ने कहा कि पराधीन देश में और विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष कर  स्त्री शिक्षा की वकालत की और सावित्रीबाई फुले ने 18 बालिका स्कूल खोलें ।सकारात्मक बदलाव तभी सफल होता है जब वह घर से शुरू किया जाए और ज्योतिबा फुले सावित्रीबाई फुले इसका जीवंत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि मेरी मां ने  मुझे उच्च शिक्षा दिलाने के लिए अपने गहने भी न्यौछावर कर दिए। मां-बाप बच्चों को हरदम आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। मैने माता पिता की स्मृति में आरजेएस का राष्ट्रीय सम्मान घोषित किया है ताकि बच्चे परिवार का संस्कार स्मरण करते रहें।
 मुख्य अतिथि डॉ गीता सिंह ने कहा कि सावित्रीबाई फुले के जीवन से प्रेरणा लेकर और अपने पति के सहयोग से मैं कॉलेज की प्रोफेसर पद तक पहुंची हूं ।उन्होंने बेटी शीर्षक  पर कविता पाठ किया "अपने लिए नहीं औरों के लिए जीती है ,
बेटी ,बेटों से कम नहीं होती है, कभी मां कभी बहन बन, विसंगतियां भी निभा लेती है।"

वेबीनार के मुख्य वक्ता डॉ अशोक कुमार ठाकुर ने कहा कि इंसान में वह ताकत है कि वह जो चाहे कर सकता है और सावित्रीबाई फुले की सकारात्मक सोच ने भारत में महिला शिक्षाक्रांति की अलख जगा दी।  उन्होंने कहा कि मैंने मां की याद में उनके नाम मुनि इंटरनेशनल स्कूल रखा और माता पिता की स्मृति में आरजेएस का राष्ट्रीय सम्मान घोषित किया है। आज जामवंत और दधीचि के जीवन को सामने रखकर  ज्ञान के साथ संस्कार प्रदाता का सकारात्मक कार्य करते हुए बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने और उनमें निर्णायक क्षमता विकसित करने का प्रयास करता रहा हूं। 
आरजेएस सलाहकार प्रो. बिजाॅन मिश्रा ने संस्थान या सरकार या सम्मेलन में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने की आवश्यकता बताई।
 इसमें पाॅजिटिव स्पीकर्स रहे--डॉ पुष्कर बाला ,ओम प्रकाश झुनझुनवाला, प्रेम प्रभा झा, दीपा भूषण, सुमन कुमारी, मीता सहाय, इसहाक खान, रेणु श्रीवास्तव, ममता रानी ,सुदीप साहू,डा पूनम श्रीवास्तव, शैल कुमारी दास ,डॉ. मुन्नी कुमारीऔर कामिनी माथुर निशा झा आदि‌। वेबीनार का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता नीरा अरोड़ा ने‌ किया .
हर रविवार आरजेएस वेबीनार के अंतर्गत आरजेएस सकारात्मक सूचना केंद्र के प्रभारी डॉ पुष्कर बाला के सहयोग से अगले रविवार 9 जनवरी2022 को स्वामी विवेकानंद की जयंती "राष्ट्रीय युवा दिवस" पर वर्चुअल बैठक की जाएगी।

उदय मन्ना
राष्ट्रीय संयोजक, आरजेएस
9811705015, 8368626368.

Comments

  1. Bhut sunder prastuti ji
    all members bdhai k patr h.
    Savitri Bai phoole ko koti koti naman h ji
    VIJAYLAXMI Haryana

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