ईद के उपलक्ष्य में आरजेएस का राष्ट्रीय सम्मान2022 बिहार के पूर्व DM स्व० गुरु सहाय प्रसाद की स्मृति में पूर्व राष्ट्रपति डा.ए पी जे अब्दुल कलाम के नाम घोषित.1 मई 2022की आजादी की अमृत गाथा 66वां वेबिनार और 31 मई की पटना बैठक में दी जाएगी श्रद्धांजलि। #rjspositivemedia

ईद के उपलक्ष्य में आरजेएस का राष्ट्रीय सम्मान स्व० गुरु सहाय प्रसाद की स्मृति में डा.कलाम के नाम घोषित.
नई दिल्ली। अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम यानी ए पी जे अब्दुल कलाम एक वैज्ञानिक जो
भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति थे और
 मिसाइल मैन के रूप में जाने जाते हैं। पद्मभूषण और पद्मविभूषण फिर भारत रत्न से सम्मानित डा कलाम के नाम आरजेएस राष्ट्रीय सम्मान2022 ईद -उल-फितर के उपलक्ष्य में घोषित किया जा रहा है।इसकी जानकारी देते हुए आरजेएस राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने बताया कि इस राष्ट्रीय सम्मान के प्रदाता बने रत्नाभ प्रसाद जो पटना बिहार में एक शिक्षक हैं। उन्होंने अपने पिताजी अशोक पुरी कालोनी पटना के निवासी और पूर्व जिलाधिकारी बिहार स्व० श्री गुरूसहाय प्रसाद की स्मृति में घोषित किया है। 
रविवार एक मई को ईद के उपलक्ष्य में आयोजित
आजादी की‌ अमृत गाथा के 66वें वेबिनार में पूर्व राष्ट्रपति डा.कलाम और बिहार के पूर्व जिलाधिकारी स्व० गुरु सहाय प्रसाद को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
सुपुत्र श्री रत्नाभ ने आरजेएस फैमिली का आभार जताया और कहा कि  उनके पिताजी  डा कलाम से बहुत प्रभावित थे। इसीलिए पिताजी की स्मृति में डा कलाम के नाम का आरजेएस राष्ट्रीय सम्मान 2022 घोषित किए। मेरे पिताजी हंसमुख और सकारात्मक व्यक्तित्व के स्वामी थे। पिताजी का जन्म बिहार प्रदेश के शेखपुरा जिलान्तर्गत ग्राम घुसकुरी में 10-3-1943 को एक किसान परिवार में हुआ था.  परिवार के बुजुर्ग बताते हैं कि पिताजी में बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के लक्षण दृष्टिगोचर होने लगे थे. शिक्षा के हर स्तर पर उन्होंने मेधाविता छात्रवृत्ति हासिल की. प्रतिष्ठित पटना विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर कर वो कई सरकारी सेवाओं को सुशोभित किए। और अंततः बिहार प्रशासनिक सेवा को चुना. समाजसेवा उनके जीवन का अभिन्न अंग था। उन्होंने बिहार के कलाकारों और खिलाड़ियों को पहचान दिलाने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई. विद्यालयीय खेल स्पर्धाओं में भारतीय टीम का नेतृत्व अतर्राष्ट्रीय मंच पर किया. पिताजी के निर्देशन में ही बिहार के प्रथम पंचायती राज चुनाव संपन्न हुए. अंततः जिलाधिकारी, बांका के पद पर उन्होंने  भारतीय प्रशासनिक सेवा का अंतिम कार्य संपन्न किया. लोकमानस में  छवि अभिभावक के रूप में रही. आदिवासियों के बीच कल्याणकारी कार्यक्रमों के संचालन से आप उनके पूजनीय रहे. एक होम्योपैथिक चिकित्सक के रूप में भी आप सर्वसुलभ थे. ईश्वरीय प्रेरणा से आपको विचलित शारीरिक जोड़ों के पुनर्स्थापना में महारत हासिल थी. इन सब से इतर वो उच्च कोटि के साधक थे.अपने योगबल से  सदैव जनता के कल्याण हेतु प्रस्तुत रहते थे.  22-10-2015 को उन्होंने  सांसारिक जीवन से निर्वाण लिया. रामजानकी संस्थान आरजेएस नई दिल्ली की ये मुहिम बहुत ही अनूठा‌ है। 
श्री रत्नाभ प्रसाद ने कहा कि
सकारात्मक भारत-उदय बिहार यात्रा के दौरान हुई दो बैठकों में शामिल होने का मुझे भी मौका मिला था। मैं जानकर मैं भावविह्वल हूं कि एक मई2022 को 25 राज्यों की आरजेएस फैमिली मेरे पिताजी को आजादी की‌ अमृत गाथा के वेबिनार श्रद्धांजलि देगी। आरजेएस राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने बताया कि
31 मई 2022को अशोक पुरी पार्क , पटना बिहार में आरजेएस सकारात्मक भारत उदय बिहार यात्रा के दौरान अमृत बैठक का आयोजन किया जाएगा। इस बैठक में  डा ए पी जे अब्दुल कलाम और स्व० गुरु सहाय प्रसाद को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
उदय मन्ना
संयोजक आरजेएस
8368626368.

Comments

Popular posts from this blog

पूरी तरह से कृषि कार्यो में प्रयोग होने वाले कृषि उपकरण,खाद,बीज,दवाई आदि पर जीएसटी से मुक्त करने का वित्त मंत्री ने किसानों को आश्वासन दिया- धर्मेन्द्र मलिक

आत्महत्या रोकथाम दिवस पर विश्व भारती योग संस्थान के सहयोग से आरजेएस पीबीएच वेबिनार आयोजित.

वार्षिकोत्सव में झूम के थिरके नन्हे बच्चे।