सीके बिरला हॉस्पिटल® में क्रोनिक पैंक्रिएटाइटिस से पीड़ित सात साल के बच्‍चे की दुर्लभ लैप्रोस्‍कोपिक सर्जरी हुई.दुनिया के लिये एक दुर्लभ मामले में सीके बिरला हॉस्पिटल® ने दिल्ली में क्रॉनिक पैंक्रिएटाइटिस से पीड़ित सात साल के बच्‍चे को जटिल लैप्रोस्‍कोपिक सर्जरी से ठीक किया.#rjspositivemedia


सीके बिरला हॉस्पिटल® में क्रोनिक पैंक्रिएटाइटिस से पीड़ित सात साल के बच्‍चे की दुर्लभ लैप्रोस्‍कोपिक सर्जरी हुई.
दुनिया के लिये एक दुर्लभ मामले में सीके बिरला हॉस्पिटल® ने दिल्ली में क्रॉनिक पैंक्रिएटाइटिस से पीड़ित सात साल के बच्‍चे को जटिल लैप्रोस्‍कोपिक सर्जरी से ठीक किया.#rjspositivemedia
सकारात्मक भारत-उदय दिल्ली यात्रा _CK बिरला हाॅस्पिटल, दिल्ली में आयोजित संवाददाता सम्मेलन,17/05/2022. YouTube link
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नई दिल्‍ली, 17 मई, 2022 : चिकित्‍सकीय उत्‍कृष्‍टता के वैश्विक मानकों की आपूर्ति को सुदृढ़ बनाने की अपनी प्रतिबद्धता का पालन करते हुए सीके बिरला हॉस्पिटल® ने हाल ही में एक दुर्लभ लैप्रोस्‍कोपिक सर्जरी सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। यह सर्जरी सात साल के एक बच्‍चे में क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिये हुई है, जिसके कारण उसे पेट में बहुत दर्द रहता था। इस बच्‍चे का वजन काफी कम था और दूसरे अस्‍पतालों ने उसकी सर्जरी करने से मना कर दिया था, क्‍योंकि वह केवल 17 किलो का था। सीके बिरला हॉस्पिटल® में ऐडवांस्‍ड सर्जिकल साइंसेस ऐंड ऑन्‍कोलॉजी सर्जरीस डिपार्टमेंट के डॉ. अमित जावेद ने जाँच के बाद इस बच्‍चे का इलाज न्‍यूनतम चीर-फाड़ वाली विधि से किया, जिससे उसे कम दर्द हुआ और वह जल्‍दी ठीक भी हो गया।
इस मौके पर डॉ. अमित जावेद ने कहा, “यह मामला बहुत उलझा हुआ था, क्‍योंकि हम न केवल एक बहुत छोटे से मरीज का इलाज कर रहे थे, बल्कि वह अपनी उम्र के हिसाब से काफी कम वजन वाला भी था। पूरी जाँच के बाद बच्‍चे की न्‍यूनतम चीर-फाड़ वाली लैप्रोस्‍कोपिक सर्जरी की गई, जिसमें उसे कम दर्द हुआ और वह जल्‍दी ठीक हो गया। पैंक्रियाज में कई स्‍टोन्‍स और बाइल डक्‍ट ऑब्‍स्‍ट्रक्‍शन से पीड़ित होने के बावजूद वह बच्‍चा अब एक सामान्‍य और स्‍वस्‍थ जीवन जी रहा है। इसके अलावा, उस पर सर्जरी के कोई निशान भी नहीं रहेंगे।"
बच्‍चे के पैंक्रियाज में कई स्‍टोन्‍स होने के कारण उसे पेट में तेज दर्द की शिकायत थी। वह पिछले तीन साल से दर्द सह रहा था और उसे केवल दर्द पर नियंत्रण का इलाज दिया जा रहा था। बाइल डक्‍ट सिकुड़ने से बाइल का प्रवाह बाधित हो गया था, जिससे उसे पीलिया हो गया था। उसकी स्थिति गंभीर थी और उसे तुरंत इलाज चाहिये था।
बच्‍चों में क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस का सर्जरी से इलाज करना चुनौतीपूर्ण होता है और खासकर इसके लिये लैप्रोस्‍कोपिक सर्जरी तो दुनियाभर में बहुत कम हुई है। वह भारत में क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस और बाइल डक्‍ट ऑब्‍स्‍ट्रक्‍शन के संभवत: सबसे छोटे मरीजों में से एक था, जिसकी न्‍यूनतम चीर-फाड़ वाली लैप्रोस्‍कोपिक सर्जरी सफलतापूर्वक हुई।
इस अवसर पर सीके बिड़ला हेल्थकेयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, श्री अक्षत सेठ ने कहा कि, “हम वैश्विक मानदंडों की स्वास्थ्य देख-भाल सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस उद्देश्य से हम अपने मरीजों के लिए न्यूनतम चीरा वाली लेप्रोस्कोपिक सर्जरी जैसी उन्नत चिकित्सीय नवाचारों और तकनीकों का प्रयोग करते हैं।”
सीके बिड़ला हॉस्पिटल® के चीफ बिजनेस ऑफिसर, श्री विपुल जैन ने कहा कि, “दिल्ली में हमारा नया सेंटर हमारे विश्वस्तरीय, मल्टी-स्पेशिलिटी केन्द्रों की श्रृंखला में सबसे नया है और हम दुनिया में सर्वश्रेष्ठ के समकक्ष मानदंडों के अनुरूप असाधारण चिकित्सीय देखभाल और सेवाएँ प्रदान कर पर केन्द्रित हैं। इस सर्जरी की सफलता हमारे लिए एक माइलस्टोन है। यह न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में भी एक दुर्लभ मामले के माध्यम से हमारी चिकित्सीय उत्कृष्टता की पुनर्पुष्टि है।”

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