बिहार आर्ट थियेटर का 62 वां स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर तीन दिवसीय नाट्य महोत्सव दिनांक - 25.06.2022 से 27.06.2022 तक कालिदास रंगालय , पटना ( बिहार ) में मनाया गया।#rjspositivemedia

बिहार आर्ट थियेटर का 62 वां स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर तीन दिवसीय नाट्य महोत्सव दिनांक - 25.06.2022 से 27.06.2022  तक कालिदास रंगालय , पटना ( बिहार ) में मनाया गया। (Ramesh Singh) #rjspositivemedia
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  दिनांक - 25.06.2022 ( शनिवार ) को बिहार आर्ट थियेटर की प्रस्तुति हृषिकेश सुलभ द्वारा लिखित हिन्दी नाटक - " धरती आबा " का सफल मंचन से शुरू हुया। जिसका निर्देशन वरिष्ठ रंगकर्मी & रंगनिर्देशक - सुमन कुमार ने किया। नाटक - " धरती आबा " विरसा मुंडा को झारखण्ड में भगवान की उपाधि देकर भगवान की तरह वहाँ के लोग पूजते हैं। विरसा मुंडा के जीवन पर आधारित इस नाटक में सभी कलाकारों ने उम्मदा अभिनय कर विरसा मुंडा की कहानी को रंगमंच पर स्थापित कर सफलता का झंडा गाड़ने में यह नाटक पूरी तरह से सफल रहा है।
 कालिदास रंगालय के प्रेक्षा गृह में बहुत अर्से बाद दर्शकों की भीड़ देखी गई। प्रेक्षा गृह दर्शकों की भीड़ से खचा - खच भरा हुया था।  बहुत दिनों बाद दर्शकों ने रंगमंच के प्रति जिज्ञासा देखला कर दिल गद - गद कर दिया। जानकारी के अभाव में किसने कौन सा चरित्र निभाया मैं लिख पाने में असमर्थ हुँ। निर्देशक बडे भाई सुमन कुमार जी ने पात्र परिचय में मेरा नाम लेकर जो अपनापन दिखला। सुनकर बहुत अच्छा लगा।
         जब बाहर निकला तो विरसा मुंडा के चरित्र जिस कलाकार ने निभाया उससे बाहर निकलते ही मुलाकात हुई। मैने उस कलाकार को बधाई दिया और कुछ देर नाटक पर चर्चा भी किया। नाटक खत्म होते प्रेक्षा गृह में सूत्रधार , खगौल के सचिव नवाब आलम जी से मुलाकात हुई। अबतक हमलोग व्हाट्सएप्प और फेसबुक से एक दूसरे के बीच परिचय बनाये हुए थे। आमने सामने मिलकर बहुत अच्छा लगा। एक दूसरे के गले मिलकर हाल समाचार लिया। उसी प्रेक्षा गृह में बड़े भाई वरिष्ठ रंगकर्मी अखिलेश्वर प्रसाद सिन्हा से बहुत दिनों बाद मुलाकात हुई। उन्होंने समाचार पूछा बहुत अच्छा लगा। बगल में बैठे छोटे भाई हरि किशोर सिंह उर्फ मुन्ना भाई से मुलाकात हुई। मेरे नाट्य प्रस्तुति के बारे में पूछा कि भईया आपकी प्रस्तुति कब है। मैने बताया कि 17 जुलाई को सआदत हसन मंटो की कहानी पर आधारित नाटक - " शारदा " कर रहा हुँ। आपलोग देखने जरूर आयेंगें।
                            नाटक - " धरती आबा " बिहार आर्ट थियेटर की प्रस्तुति थी। पटना के इतनी बड़ी संस्था जो प्रतिवर्ष कई कलाकारों अभिनय का प्रशिक्षण देता है। वह संस्था 62 वां स्थापना दिवस मना रहा हो और संस्था और नाट्य प्रस्तुति का ब्रोसर कहीं दिखाई नही दिया। जबकि ब्रोसर दर्शकों के बीच बटना चाहिए था।
                                नाट्य प्रस्तुति - " धरती आबा " के निर्देशन को लेकर भी कई अन्य बातें सुनने को मिली। नाटक में कलाकारों के अभिनय के साथ - साथ नाटक का संगीत परिकल्पना जिसका भी हो बहुत ही अच्छा रहा। नाटक के अनुसार संगीत परिकल्पना काबिले तारीफ था। नाट्य निर्देशन में इतने कलाकारों का आपसी कॉर्डिनेशन काबिले तारीफ था। नाटक के निर्देशक बड़े भाई सुमन कुमार जी और साथ - साथ नाटक - " धरती आबा " मल्टी कास्ट नाटक है। इस पवार फूल नाटक लिखने के लिए बड़े भाई लेखक - हृषिकेश सुलभ जी को बहुत - बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं देता हुँ। इस नाटक में सभी कलाकारों को काफी स्पेश दिया है। नाटक के लिए मंच छोटा साबित हो रहा था।

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