साहित्य अकादेमी का सबसे बड़ा साहित्योत्सव 11 मार्च से 16 मार्च 2023 तक मंडी हाउस, रवींद्र भवन,नई दिल्ली में.40 से ज़्यादा कार्यक्रमों में 400 लेखक और विद्वान भाग लेंगे 6 दिवसीय समारोह में.माननीय संस्कृति राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल करेंगे अकादेमी प्रदर्शनी का उद्घाटन. #rjspositivemedia
साहित्य अकादेमी का सबसे बड़ा साहित्योत्सव 11 मार्च से 16 मार्च 2023 तक मंडी हाउस, रवींद्र भवन,नई दिल्ली में.
40 से ज़्यादा कार्यक्रमों में 400 लेखक और विद्वान भाग लेंगे 6 दिवसीय समारोह में.
माननीय संस्कृति राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल करेंगे अकादेमी प्रदर्शनी का उद्घाटन.
उपमन्यु चटर्जी होंगे पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्य अतिथि
भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा देंगे संवत्सर व्याख्यान
कज़ाकी लेखक भी उपस्थित रहेंगे साहित्योत्सव में
नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी, प्रख्यात उद्योगपति एवं लेखक सुनीलकांत मुंजाल भी देगें विशेष वक्तव्य.
नई दिल्ली। 09 मार्च 2023; साहित्य अकादेमी द्वारा प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला साहित्य उत्सव इस बार अपने सबसे बड़े रूप में दिल्ली एवं एनसीआर वासियों के लिए प्रस्तुत होगा। छह दिवसीय इस उत्सव में इस बार 400 से ज़्यादा रचनाकार 40 से ज़्यादा विभिन्न कार्यक्रमों में लगभग 60 भाषाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए भाग लेंगे। साहित्योत्सव की शुरुआत अकादेमी की वर्षभर की प्रमुख गतिविधियों की प्रदर्शनी से होगा जिसका उद्घाटन माननीय संस्कृति राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल करेंगे। साहित्योत्सव का मुख्य आकर्षण साहित्य अकादेमी पुरस्कार 2022 वितरण समारोह 11 मार्च को कमानी सभागार में शाम 5ः30 बजे संपन्न होगा।
इस समारोह के मुख्य अतिथि लब्धप्रतिष्ठ अंग्रेज़ी लेखक एवं विद्वान उपमन्यु चटर्जी होंगे। प्रतिष्ठित संवत्सर व्याख्यान भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा द्वारा दिया जाएगा। अन्य कार्यक्रमों में 7 लेखक सम्मिलन, 15 रचना-पाठ कार्यक्रम, 13 परिचर्चाओं के अलावा नारी चेतना, अस्मिता, कथासंधि, लेखक से भेंट और व्यक्ति और कृति जैसे नए कार्यक्रम भी जोड़े गए हैं। बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रम के साथ ही सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी उत्सव का मुख्य आकर्षण होंगी।
यह जानकारी देते हुए साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने बताया कि इस वर्ष साहित्योत्सव भारतीय साहित्य और संस्कृति की एकता विषय पर केंद्रित है। पूर्व के वर्षों में आयोजित होने वाले कार्यक्रम जैसे पूर्वाेत्तरी, आदिवासी सम्मिलन, युवा साहिती, आओ कहानी बुनें, एलजीबीटीक्यू सम्मिलन और राष्ट्रीय संगोष्ठी के अतिरिक्त इस बार कुछ नए विषय भी जोड़े गए हैं जैसे जी 20 को केंद्र में रखते हुए ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ विषयक अखिल भारतीय कवि सम्मिलन, शिक्षा और सृजनात्मकता, वैचारिकता और साहित्य एवं साहित्य और महिला सशक्तिकरण पर विशेष परिचर्चाएँ रखी गई हैं।
राष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय ‘महाकाव्यों की स्मृतियाँ, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और राष्ट्र निर्माण’ रहेगा हिंदी के प्रख्यात कवि, आलोचक एवं साहित्य अकादेमी के महत्तर सदस्य विश्वनाथ प्रसाद तिवारी जिसका उद्घाटन वक्तव्य और प्रख्यात सामाजिक सिद्धांतकार एवं आलोचक आशीष नंदी बीज वक्तव्य देंगे। मातृभाषा के महत्त्व को ध्यान में रखते हुए मातृभाषा के महत्त्व पर, भारत में आदिवासी समुदायों के महाकाव्य, संस्कृत भाषा एवं भारतीय संस्कृति आदि पर भी परिचर्चा रखी गई है। कुछ अन्य विशेष कार्यक्रम जैसे व्यक्ति एवं कृति में प्रख्यात समाज सुधारक एवं नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी एवं प्रख्यात उद्योगपति एवं लेखक सुनीलकांत मुंजाल, कथा संधि कार्यक्रम में प्रख्यात उर्दू लेखक अब्दुस समद, लेखक से भेंट कार्यक्रम में प्रख्यात मैथिली एवं हिंदी लेखिका उषाकिरण खान उपस्थित रहेंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत ब्रज की होली, क़व्वाली और जयंत कस्तुआर की कत्थक प्रस्तुति भी रहेगी। साहित्योत्सव में कज़ाकिस्तान से पधारे लेखक भी उपस्थित रहेंगे और इस साहित्योत्सव की पूरी प्रक्रिया को नज़दीक से देखेंगे। इंडो कज़ाक लेखक सम्मिलन और विदेशों में भारतीय साहित्य पर भी बातचीत होगी। प्रतिदिन साहित्य अकादेमी द्वारा प्रकाशित पुस्तकों की प्रदर्शनी और आकर्षक छूट पर पुस्तकें बिक्री के लिए भी उपलब्ध होंगी।
कार्यक्रम में पधार रहे कुछ प्रख्यात साहित्यकार, लेखक, नाटककार, फिल्मकार, प्रकाशक, मीडियाकर्मी हैं - सुरजीत पातर, लीलाधर जगूड़ी, आशीष नंदी, शीन काफ़ निज़ाम, अभिराज राजेंद्र मिश्र, वाई.डी. थोंगछी, अर्जुनदेव चारण, मोहन आगाशे, केतन मेहता, दयाप्रकाश सिन्हा, सोनल मानसिंह, जतिन दास, मृणाल मिरी, अतुल तिवारी, वेद प्रताप वैदिक, आलोक मेहता, अशोक घोष आदि।
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