भगवान के जन्म लेते ही कंस और रावण का अंत निश्चित हो गया था -बालविदुषी परमपूज्य दीदी प्रतिभा देवी जी। # rjspositivemedia
भगवान के जन्म लेते ही कंस और रावण का अंत निश्चित हो गया था -बालविदुषी परमपूज्य दीदी प्रतिभा देवी जी।
पूर्वी दिल्ली। हेल्पिंग हैंड सोशल वैलफेयर ट्रस्ट (पंजी.)के तत्वावधान में गली नं.10, ब्रह्मपुरी, मौनी बाबा मंदिर प्रांगण में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह में भव्य रूप से प्रभु श्रीकृष्ण के जन्म की लीला का वर्णन बालविदुषी परमपूज्य दीदी प्रतिभा देवी जी के मुखारविंद से हजारों श्रद्धालुओं ने श्रवण किया।
दीदी प्रतिभा देवी ने अपने प्रवचनों में कहा,कि संसार में जन्म के साथ मृत्यु भी निश्चित है, लेकिन जिन राक्षसों ने अमरत्व का वरदान ले लिया था,और मानव जाति पर अत्याचार करने लगे,तो प्रभु को उनका अंत करने के लिए पृथ्वी पर आना पड़ा।
उन्होंने कहा,कि आततायी राक्षस कितने ही बलशाली क्यूं ना हो, लेकिन प्रभु के रुप चाहे भगवान श्री राम ने जन्म लिया हो,या फिर भगवान श्री कृष्ण ने ,तभी से कंस और रावण की मृत्यु निश्चित हो गई थी।
पंडाल में भगवान श्री कृष्ण के जन्म की लीला और वासुदेव द्वारा उन्हें नंदगांव तक पहुंचाने की झांकियों का भी चित्रण किया गया।इस अवसर पर आयोजक मंडल के सतीश गर्ग, हरीशंकर शर्मा, सत्यनारायण बंसल, परशुराम रावत, प्रवीण कुमार,राजू अरोड़ा,हरीश चंद्र शर्मा, ज्ञान चंद तायल,गौरव,विक्की गर्ग , ललित वर्मा आदि ने भी योगदान किया।
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