द अवेयर कंज्यूमर के सहयोग से भारतीय न्याय व्यवस्था पर आरजेएस पीबीएच वेबिनार संपन्न.आरजेएस पीबीएच वेबिनार में इंडिया जस्टिस रिपोर्ट पर पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन.सकारात्मक न्याय व्यवस्था के लिए न्यायालयों व पुलिस प्रशासन में महिलाओं की संख्या बढ़ाया जाना चाहिए। #rjspbh

द अवेयर कंज्यूमर के सहयोग से भारतीय न्याय व्यवस्था पर आरजेएस पीबीएच वेबिनार संपन्न.
आरजेएस पीबीएच वेबिनार में इंडिया जस्टिस रिपोर्ट पर पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन.
सकारात्मक न्याय व्यवस्था के लिए न्यायालयों व पुलिस प्रशासन में महिलाओं की संख्या बढ़े 
नई दिल्ली। आज राम जानकी संस्थान पाॅजिटिव ब्राॅडकास्टिंग हाउस द्वारा  भारतीय न्याय प्रणाली तथा उपभोक्ता संतुष्टि विषय पर वेबिनार का आयोजन द अवेयर कंज्यूमर के सहयोग से आरजेएस पीबीएच संस्थापक उदय कुमार मन्ना के संयोजन में आयोजित किया गया । 
सभी का स्वागत करते हुए कंज्यूमर ऑनलाइन फाउंडेशन के चेयरमैन प्रफुल्ल भाई ने कहा कि सकारात्मक पत्रकारिता सकारात्मक भारत के अंतर्गत अमृत काल का सकारात्मक भारत का ये एक सौ इक्कासिवां कार्यक्रम है।इस विचार विमर्श से लोगों में जागरूकता आएगी।
कार्यक्रम में कॉमन कॉज के डायरेक्टर विपुल मुद्गगल,चीफ एडिटर इंडिया जस्टिस रिपोर्ट माजा दारूवाला  तथा बिजॉन कुमार मिश्रा एडिटर द अवेयर कन्ज्यूमर, प्रफुल्ल डी. सेठ , अध्यक्ष कन्ज्यूमर ऑनलाईन फाउंडेशन ने शिरकत की । कॉमन कॉज के डायरेक्टर विपुल मुद्गगल भारतीय न्याय व्यवस्था में पुलिस के रोल पर प्रकाश डाला । पैसठ प्रतिशत लोग पुलिस के काम से संतुष्ट हैं । पुलिस व प्रशासन जाति व गरीबों , क्षेत्र और रंग के आधार पर भेदभाव करती है। 
पुलिस व न्यायालय में हर वर्ग के प्रतिनिधित्व की जरूरत है ।  पुलिस पहला चेहरा है जो समाज को न्याय व्यवस्था में दिखता है । यदि पुलिस अत्याचार करती है तो असफल राज्य का प्रतीक माना जाता है । उन्होंने पुलिस की ट्रेनिंग और 
जिम्मेदार पुलिसिंग पर जोर  देने की सरकार से गुजारिश की तथा पुलिस को मानवीय बनाने की वकालत की ।  इंडिया जस्टिस रिपोर्ट की एडिटर माया दारूवाला 
 के हवाले से पावर प्वाईंट प्रेजेंटेशन दिया गया । उन्होंने बताया कि चालीस मिलियन केस अदालतों में लंबित हैं और हमारी रिपोर्ट सरकार को आईना दिखाती है । उनका कहना था कि प्रति दस लाख की आबादी पर उन्नीस जज हैं ।कोविड के समय सात लाख लोग गिरफ्तार कर  जेल भेजे गए जबकि ये ओवर पापुलेटेड हैन । कर्नाटक राज्य पुलिस भर्ती में एससी एसटी ओबीसी का कोटा भरने वाला पहला राज्य है । पुलिस में तैंतीस प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी होनी चाहिए । उन्होने डोर स्टेप जस्टिस सिस्टम की वकालत की । न्याय सर्व सुलभ हो । भारत में 130 से ज्यादा कमीशन बने हैं लेकिन वो कितना और कैसे काम करते हैं ? सबको मालूम है । पुलिस सुधार में जवाबदेही तथा बॉडी कैमरा का इस्तेमाल होना चाहिए । द अवेयर कंज्यूमर के संपादक डा. बिजॉन कुमार मिश्रा जी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता और संचालन बेहद कुशलता पूर्वक किया और सबको अपनी बात रखने का मौका दिया । आरजेएस पीबीएच ऑब्जर्वर प्रफुल्ल डी. सेठ ने सभी प्रतिभागियों,मेहमानों और आरजेएस पीबीएच टेक्नीकल टीम का धन्यवाद किया । कार्यक्रम में अमेरिका से जुड़े रमैय्या मथियाला सहित सामाजिक कार्यकर्ता बीना जैन
अनामिका बढेरा, डॉक्टर पी रामा राव, रंजन बेन,सुदीप साहू,  वैज्ञानिक डॉक्टर जयप्रकाश डा एल पी साहू, देवेंद्र तिवारी , प्रांजल श्रीवास्तव,ओमप्रकाश झुनझुनवाला,सोनू कुमार, इशहाक खान,डा मुन्नी कुमारी,आशीष रंजन , आकांक्षा, मयंक और बिंदा मन्ना आदि शामिल हुए।
राष्ट्रीय संयोजक  उदय मन्ना जी ने अगले रविवार 12 नवंबर दीपावली पर अंतर्राष्ट्रीय रामलीला महोत्सव आयोजन समिति के सहयोग से दीपोत्सव तमसो मा ज्योतिर्गमय कार्यक्रम आयोजित करने की घोषणा की।

उदय कुमार मन्ना
आरजेएस पीबीएच
8368626368,

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