आरजेएस वेबिनार में डा. जोशी ने कहा "चाय मुक्त और छाछ युक्त भारत बनाएं मिलकर."डब्ल्यू एच ओ की थीम "मेरा स्वास्थ्य मेरा अधिकार" बनाएं जमीनी सच्चाई - डा.चावला
आरजेएस वेबिनार में डा. जोशी ने कहा "चाय मुक्त और छाछ युक्त भारत बनाएं मिलकर."
डब्ल्यू एच ओ की थीम "मेरा स्वास्थ्य मेरा अधिकार" बनाएं जमीनी सच्चाई - डा.चावला
मुंबई के डा.जोशी ने "उदय मन्ना शो ग्लोबल पाॅजिटिव मीडिया डायलॉग" के बैनर का किया लोकार्पण.
नई दिल्ली। आज राम जानकी संस्थान पाॅजिटिव ब्राॅडकास्टिंग हाउसु (आरजेएस पीबीएच) द्वारा विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल 2024 को थीम "मेरा स्वास्थ्य मेरा अधिकार" पर विशेषज्ञों से बातचीत की गयी ।
वेबिनार में ओपनिंग रिमार्क्स मेजर डा.प्राची गर्ग ने किया और नवसंवत्सर, विक्रम संवत और नवरात्रि पर आरजेएस पीबीएच पैनलिस्ट प्रफुल्ल पाण्डेय तथा रमज़ान व ईद-उल-फितर पर मंच संचालन कर रही वायस ओवर आर्टिस्ट, एंकर डा. शबनम खानम ने संबोधित किया। इस अवसर पर उदय मन्ना शो: ग्लोबल पाॅजिटिव मीडिया डायलॉग" के बैनर का डा. हेमंत जोशी ने लोकार्पण किया। डा नरेश चावला उपाध्यक्ष डीएमसी ,उज्जवला वीमेंस एसोसिएशन के चेयरपर्सन बीना जैन और एडवोकेट सुदीप साहू,डा.पुष्कर बाला आदि ने बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
मुख्य अतिथि सह-आयोजक जोशी चिल्ड्रन हास्पिटल ,विरार मुंबई के डा. हेमंत जोशी ने स्वस्थ रहने के लिये अपने खानपान और सफाई पर ध्यान देने की जरूरत पर बल दिया । उन्होनें बताया कि मोटापा वर्तमान समय की सबसे बड़ी बीमारी है । नमक की मात्रा तीन से पांच ग्राम एक व्यक्ति के लिये अनुमोदित है लेकिन मनुष्य ज्यादा नमक खा रहा और हाईपरटेंशन की बीमारी का शिकार हो रहा है । चाय को राष्ट्रीय जहर बताया तथा चाय के स्थान पर छाछ को राष्ट्रीय पेय बनाने पर जोर दिया । विटामिन डी की कमी से बचने के लिए धूप का एक घंटा रोज सेवन जरूरी बताया । अधिक से अधिक पैदल चलें यह स्वास्थ्य के लिये जरूरी है । घर का बना भोजन ही खाना चाहिए । आइरन की कमी दूर करने के लिये लोहे की कड़ाई में शाकभाजी बनायें । नॉन स्टिक बर्तन का प्रयोग बिल्कुल न करें । बाहर से घर आने पर हाथ मुँह आँखों को धोकर कुल्ला करना चाहिए ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे दिल्ली मेडिकल काउंसिल के वाइस प्रेसिडेंट व पूर्व संयुक्त सचिव आईएमए से डा. नरेश चावला ने प्राथमिक स्वास्थय को मजबूत करने पर बल दिया । प्राईमरी हेल्थ केयर का मतलब साफ हवा पानी और रहन सहन है । स्वास्थ्य को पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए । बचपन में सीखा जीवन पर याद रहता है । सुरजीत सिंह दीदेवार कहा कि हमें प्रकृति के आधार पर जो उपलब्ध है खा लेना चाहिए । उदय मन्ना संयोजक आरजेएस पीबीएच ने सभी वक्ताओं का विशेष धन्यवाद दिया तथा टेक्नीकल टीम का आभार प्रकट किया ।
आकांक्षा
8368626368
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