आगामी १ सितम्बर, २०२४ से बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में “हिन्दी पखवारा एवं पुस्तक-चौदस मेला” का आयोजन होगा.

आगामी १ सितम्बर, २०२४ से बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में “हिन्दी पखवारा एवं पुस्तक-चौदस मेला” का आयोजन होगा.
पटना। पूर्व की भाँति इस वर्ष भी “हिन्दी-दिवस” के उपलक्ष्य में, आगामी १ सितम्बर, २०२४ से बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में “हिन्दी पखवारा एवं पुस्तक-चौदस मेला” का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्घाटन १ सितम्बर,२०२४ को अपराह्न तीन बजे किया जाएगा। प्रत्येक दिन विविध साहित्यिक उत्सव आयोजित होंगे, जिनमे विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगिताएँ भी सम्मिलित हैं। १४ सितम्बर (हिन्दी-दिवस) को १४ हिन्दी-सेवियों का सम्मान तथा १५ सितम्बर को समापन-समारोह के साथ, प्रतियोगिता में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया जाएगा।

कार्यक्रम इस प्रकार है;-
१ सितंबर - उद्घाटन समारोह -अपराह्न ३ बजे 
२ सितम्बर - श्रुतलेख-प्रतियोगिता ( कक्षा ४ से कक्षा ७ तक के विद्यार्थियों के लिए), १० बजे ।
३ सितम्बर : व्याख्यान-प्रतियोगिता ( कक्षा नौ से बारहवीं तक के विद्यार्थियों के लिए, विषय: हिन्दी के साहित्यकार), १० बजे।
४ सितम्बर: डा विष्णु किशोर झा बेचन जयन्ती एवं कवि-सम्मेलन, ४ बजे।
५ सितम्बर: निबन्ध लेखन-प्रतियोगिता ( कक्षा नौ से १२वीं तक के विद्यार्थियों के लिए) , १० बजे।
६ सितम्बर:कथा-कार्यशाला ,४बजे ।
७ सितम्बर: काव्य-कार्यशाला, ४ बजे।
८ सितम्बर: कवयित्री-सम्मेलन - ३ बजे 
९ सितम्बर: भारतेन्दु जयन्ती एवं नाट्य-साहित्य में बिहार का योगदान विषय पर संगोष्ठी , ४ बजे।
१० सितम्बर: राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह जयंती एवं लघुकथा-गोष्ठी।
११ सितम्बर: केदारनाथ मिश्र प्रभात जयन्ती एवं कवि-सम्मेलन, चार बजे।
१२ सितम्बर: काव्य-पाठ-प्रतियोगिता (कक्षा आठ से बारहवीं तक के विद्यार्थियों के लिए), १० बजे।
१३ सितम्बर: कथा-लेखन प्रतियोगिता ( कक्षा    दस से १२वीं तक के विद्यार्थियों के लिए), १० बजे।
१४ सितम्बर: हिन्दी-दिवस समारोह एवं हिन्दी-सेवी सम्मान, ४ बजे।
१५ सितम्बर: समापन-सह-पुरस्कार वितरण समारोह , तीन बजे।

आग्रह है कि प्रतियोगिताओं के लिए अधिकाधिक विद्यार्थियों को प्रेरित करें, जिससे कि उनकी प्रतिभागिता बढ़े। प्रतियोगिताओं में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को क्रमशः स्वर्ण, रजत और काँस्य-पदक और प्रशस्ति-पत्र के साथ रू - ११००/- , ७००/- , ५००/- की पुरस्कार-राशि भी प्रदान की जाएगी। सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र भी दिए जाएँगे। प्रतिभागिता-शुल्क रू १००/- मात्र ( प्रत्येक प्रतियोगिता के लिए) निर्धारित है।

पुस्तक-चौदस मेले में, भारतीय पुस्तक न्यास, भारत सरकार,नई दिल्ली , राज कमल प्रकाशन समेत अन्य प्रकाशक भी भाग ले रहे हैं। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के प्रकाशन विभाग का भी कक्ष रहेगा, जिसमें सम्मेलन के प्रकाशनों के अतिरिक्त बिहार के अन्य साहित्यकारों की पुस्तकें भी रखी जाएँगी। जिन साहित्यकारों को अपनी पुस्तकें विक्रय हेतु भेजनी हैं, उनसे विनम्र आग्रह है कि दो प्रतियों में सुस्पष्ट सूची के साथ अपनी पुस्तकें, सम्मेलन-कार्यालय को यथा शीघ्र उपलब्ध करा दें। सूची की दूसरी प्रति में सम्मेलन कर्मी का हस्ताक्षर प्राप्त कर प्रमाण के रूप में अपने पास रखें।
इस सूचना के साथ प्रति दिन की उपस्थिति तथा सहभागिता एवं उपस्थिति हेतु, तथा अन्य व्यक्तियों को भी प्रेरित करने का आग्रह है। हम सबका यह पुनीत कर्तव्य है कि हिन्दी के इस महायज्ञ में बड़ी संख्या में हम सबकी भागीदारी हो। हम यह भी प्रयत्न करें कि बड़ी संख्या में हिन्दी-प्रेमियों की उपस्थिति हो और वे मेले से पुस्तकों का उत्साह पूर्वक क्रय भी करें! “पुस्तक-चौदस” आंदोलन इसी भाव के साथ आरंभ किया गया था कि भारतीय समुदाय की भावना पुस्तकों के साथ उस रूप में जुड़े जिस रूप में “धन-तेरस” से जुड़ी होती है। इस मेले से हर एक व्यक्ति पुस्तकों का क्रय इस भावना से करे कि ये पुस्तकें उनके घर में प्रज्ञा-धन की वृद्धि करेंगी, जैसे वे धनतेरस में कोई न कोई वस्तु का क्रय अवश्य करते हैं, इस भाव के साथ कि उनके घर में धन (लक्ष्मी) की वृद्धि होगी।

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