स्वदेशी मेला से लघु उद्योगों को प्रोत्साहन देना मुख्य उदेश्य , मेला 23 अक्टूबर तक आयोजित

स्वदेशी मेला से लघु उद्योगों को  प्रोत्साहन देना मुख्य  उदेश्य , मेला 23 अक्टूबर तक आयोजित 



द्वारका, नई दिल्ली-- (आरजेएस पीबीएच)
स्वदेशी मेला में लघु उद्योगों को  आगे बढ़ना ने के लिए स्वदेशी  मंच की ओर से 16 अक्टूबर से 23 अक्टूबर 2024 तक आयोजित स्वदेशी मेले में काफी संख्या में लोग पहुंच  रहे हैं ,द्वारका के सेक्टर 7 स्थित सी सीआरटी परिसर में शुरू है इस आठ  दिवसीय मेले   मे बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ दर्शक आनन्दित हो रहे हैं  मेले में भारत के 18 राज्यों से आए विभिन्न प्रकार की लघु उद्योग स्टॉल लगाई गई हैं.

मेले के रविंद्र सोलंकी व मीडिया प्रभारी  नीलेन्द् पाठक ने संयुक्त रूप से बताया की विभिन्न क्षेत्रों से अपने परिवारों को पालने के लिए अपने आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए  राज्यों से छोटे स्तर पर उद्योग चला कर अपने साथ दूसरों  को साथ लेकर पालन पोषण भी कर रहे हैं ,ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था में उनका भी योगदान अहम है यही स्वदेशी  मंच का मुख्य उद्देश्य है ,ताकि वह अपने उद्योग को बड़े स्तर पर ले जा सके, स्वदेशी उत्पादों की खरीद से न केवल सिर्फ अर्थव्यवस्था मजबूत होगी बल्कि देश विकास के रास्ते पर तेजी से अग्रसर होगा स्वदेशी मेले के अंदर शाम के समय लोगों की विशेष भीड़ आनी शुरू हुई  और लोगों ने  लघु उद्योगपतियों के चेहरे पर संतुष्टि नजर आई और लोगों ने  बखूबी खरीदारी की और जिस से  लघु उद्योग कार्यक्रम के चेहरे मिलते नजर आए .
मेले में स्कूली बच्चों का संस्कृति कार्यक्रमों के साथ  झूले , ऊँट सवारी, गुब्बारे,और देसी खाने का लोगों ने लुफ्त उठाया, मेले में सुरक्षा के साथ-साथ स्वच्छता व्यवस्था भी चार चमन नजर आई , जिसका संचालन कैप्टन प्रमोद सिंह, प्रमोद शर्मा, किशन सिंह, मिथलेश कुमार, अनिल यादव द्वारा किया जा रहा है,एक तरफ मेले में मिट्टी के बर्तन विशेष अक्रशक्क का केंद्र है जो किअपने नई तकनीक के अनुसार उन्होंने  के बर्तनों को बनाया है , देश की मिट्टी की परंपरा को आगे बढ़ाया,  आजकल लोग पुरानी परंपरा को पुनः स्थापित के लिए  मिट्टी के बर्तन में  को  अपने जीवन में स्थान दे रहे हैं.
मेले मे  चूल्हे का खाना लोगों को  रास आ रहा है लोगों ने बताया कि सस्ते और गुणवत्ता युक्त उत्पाद खरीदने का अवसर स्वदेशी मेले में ही मिलता है स्वदेशी उत्पादों का महत्व पता चलता है या अगर ज्ञात हुआ कि यदि हम स्वदेशी उत्पादन उत्पादों का इस्तेमाल करें इससे रोजगार का सृजन भी होगा कुटीर बार लघु उद्योगों को बढ़ावा भी मिलेगा , देश देश प्रेम की भावना को भी बढ़ावा मिलेगा ,यह मेला संस्कृति स्तोत्र एवं प्रशिक्षण केंद्र के संयुक्त तत्व धानमें आयोजित किया जा रहा है ,देश भर से विभिन्न प्रकार के कलाकारों ने मंच से अपनी प्रतिभा  को निखार कर दर्शकों का मनोरंजन किया . 
मीडिया प्रभारी नीलेन्द् पाठक  ने बताया इस वर्ष मेला पूरी तरह गांव की स्थिति में है या गांव की पूरी झलक दिखाई देती है यहां पर लकड़ी के पट्टी पर बैठकर शुद्ध देसी घी से निर्मित खाना सब्जी दाल मक्के गेहूं बाजरा की रोटी पड़ोसी जा रही है इस इस भोजनालय को संचालित करने वाले में विभिन्न प्रकार की ग्रामीण झलक प्रदर्शित हो जा रही है, साथ ही मेले में रंग भरो रंगोली खो-खो चित्रकला,  सजा सज्जा, Batman रस्साकसी, और नींबू दौड़ खेल लोग आनंद उठा रहे हैं,  जोकि मेला प्रांगण में आयोजित हो रहे हैं.
नीलेन्द् पाठक
मेला मीडिया प्रभारी

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