पाकिस्तान से तीसरी बार आ रहे हैं 400 हुतात्माओं के अस्थि कलश, समिति 100 किलो दूध की धारा के साथ सतीघाट हरिद्वार में करेगी विसर्जन।

पाकिस्तान से तीसरी बार आ रहे हैं 400 हुतात्माओं के अस्थि कलश, समिति 100 किलो दूध की धारा के साथ सतीघाट हरिद्वार में करेगी विसर्जन।
नई दिल्ली। पाकिस्तान के विश्व प्रसिद्ध पंचमुखी श्री हनुमान मंदिर व श्मशान घाट समिति,सोल्जर बाजार, कराची के संयुक्त तत्वावधान में करीब 400 हिन्दू सिख भाई बहनों के अस्थि कलश भारत आएंगे, जहां श्री देवोत्थान सेवा समिति (पंजी.)और उत्तराखंड की पुण्यदाई अभियान सेवा ट्रस्ट के प्रमुख श्री रवीन्द्र गोयल के संयुक्त तत्वावधान में आगामी 03 फरवरी 2025 सोमवार को भारत-पाक सीमा के अट्टारी बार्डर पर ग्रहण कर राजधानी दिल्ली लाएगी और फिर 21 फरवरी 2025 शुक्रवार को एक स्पेशल यात्रा के साथ सभी अस्थि कलशों को विधिवत वैदिक रीति से हरिद्वार ले जाया जाएगा, जहां अगले दिन 22 फरवरी 2025 शनिवार को कनखल के सतीघाट पर 100 किलो दूध की धारा के साथ विसर्जन किया जाएगा। 
अनिल नरेन्द्र 
राष्ट्रीय अध्यक्ष, श्री देवोत्थान सेवा समिति (पंजी.)

पंचमुखी हनुमान मंदिर के गद्दनशीन महंत श्री रामनाथ जी महाराज ने बताया, कि उन्हें 144 वर्ष बाद लगे महाकुंभ में स्नान करने कै लिए परिवार सहित वीजा मिला है,जिस कारण इस शुभ अवसर पर पाकिस्तान के कराची श्मशान घाट में वर्षों से रखे करीब 400 अस्थि कलशों को जो भारत में मां गंगा के आंचल में मोक्ष का इंतजार कर रही थी, उन्हें भी साथ लाया जाएगा और उन्हें राजधानी दिल्ली की श्री देवोत्थान सेवा समिति के सुपुर्द 03 फरवरी 2025 को किया जाएगा।
महंत श्री रामनाथ जी महाराज ने बताया,कि इस बार उन्हें हरिद्वार और महाकुंभ का वीजा मिला है, इसलिए दिल्ली में इन्हें सौंपकर हम कुंभ स्नान के लिए प्रस्थान करेंगे और फिर 21 फरवरी 2025 को हरिद्वार पहुंच कर 22 फरवरी 2025 को इनका विसर्जन किया जाएगा। दूसरी ओर श्री देवोत्थान सेवा समिति (प़जी.)के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अनिल नरेन्द्र ने बताया,कि समिति इससे पूर्व भी 2011 में 135 और वर्ष 2016 में 160 हुतात्माओ के अस्थि कलशों का भी ससम्मान विसर्जन करा चुकी है। इतना ही नहीं समिति इस पुण्य कार्य को पिछले 23 वर्षों से निरंतर करती आ रही है और अब तक समिति पूरे भारतवर्ष से एकत्रित करीब 1,65,289 (एक लाख पैंसठ हजार दौ सौ नवासी) का विसर्जन करवा चुकी है।श्री नरेन्द्र ने कहा,कि वैसे तो ये अस्थि कलश प्रत्येक 5 वर्षों में हमारी संस्था को मिलते थे, लेकिन वर्ष 2021 में वैश्विक महामारी कोरोना के चलते स्थगित किया था, लेकिन अब महंत जी के प्रयास से पिछले 9 वर्षों से एकत्रित करीब 400 अस्थि कलशों को लाया जाएगा। उन्होंने कहा,कि मां की कोख से प्रत्येक व्यक्ति जन्म लेता है, लेकिन उसके कुछ अपने कर्म ऐसे हो जाते हैं, जिससे की उन्हें लावारिस या आर्थिक रुप परेशानी की वजह से उनका विसर्जन नही हो पाता, इसलिए समिति इन सभी हुतात्माओं के परिजन बनाकर उनका विसर्जन करते हैं। समिति के महामंत्री एवं यात्रा संयोजक विजय शर्मा ने बताया,कि भारत सरकार ने जिस प्रकार अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यको को भारत की नागरिकता देने की पहल की है,उसकी विश्व स्तर पर सराहना हुई है और बंटवारे के बाद अब भी पाकिस्तान में रह रहे हिन्दू सिख भाई बहनों के अस्थि कलशों को भी हिन्दुस्तान की पवित्र पावनी गंगा मां की गोद में मोक्ष कराना, वास्तव में मोदी सरकार ने जीवित और मृत दोनों के लिए स्वर्ग का द्वार खोल दिया है। 
श्री शर्मा ने कहा,कि समिति भारत के प्रधान सेवक श्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह, केन्द्रीय विदेश मंत्री श्री एस.जयशंकर और रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह का आभार व्यक्त करती है,कि भारत सरकार द्वारा अन्य देशों में रह रहे हमारे अल्पसंख्यक समुदाय को सुरक्षित जीवन दे रही है और हमारी समिति भी निस्वार्थ भाव से सरकार के काम को आगे बढ़ाते हुए गिलहरी प्रयास करने में जुटी है। संगठन मंत्री दीपक गुप्ता ने कहा,कि पाकिस्तान से आने वाले सभी अस्थि कलशों को राजधानी दिल्ली के प्रमुख निगम बोध घाट पर मुख्य प्रबंधक श्री सुमन कुमार गुप्ता और उनकी टीम के सानिध्य में रखा जाएगा। जहां प्रतिदिन वैदिक रीति से उनका पूजन किया जाएगा।

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