'नागरी लिपि एवं पुस्तक संस्कृति' पर विश्व पुस्तक मेले में कार्यक्रम आयोजित हुआ।
'नागरी लिपि एवं पुस्तक संस्कृति' पर विश्व पुस्तक मेले में कार्यक्रम आयोजित हुआ।
दिल्ली।बसंत पंचमी पर 3 फरवरी 2025 को राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की ओर से आयोजित दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के तीसरे दिन नागरी लिपि द्वारा मेले में कार्यक्रम प्रस्तुत हुए। नागरी लिपि परिषद् के अध्यक्ष, डॉ प्रेमचंद पातंजलि की अध्यक्षता में हॉल नंबर 2 में लेखक मंच पर विचार हेतु उपस्थित थे मुख्य अतिथि डॉक्टर सुनील कुलकर्णी,सुनील कुमार सिंह, डॉ शिवशंकर अवस्थी और संस्था के महामंत्री, डॉ हरिसिंह पाल। अन्य उपस्थिति में आचार्य ओमप्रकाश,डॉ उमाकांत खुबालकर, डॉ अजय कुमार ओझा, डॉ किशोर कौशल, डॉ संदीप कुमार शर्मा,चितरंजन भारती, डॉ श्याम सुंदर कथूरिया, भूप सिंह यादव,सुमीत राजोरा, पूर्व अध्यक्ष स्व परमानंद पांचाल जी के पुत्र और पुत्रवधु सहित कई विद्वान उल्लेखनीय हैं।
वक्ताओं ने निर्धारित विषय 'नागरी लिपि एवं पुस्तक संस्कृति' पर अपने विचार व्यक्त करते हुए,परिषद् की सक्रियता और सफलता को सराहा,था नागरी लिपि की भारतीय भाषाओं के लिए महत्ता की चर्चा की। इस अवसर पर कई लेखकों की पुस्तकों का लोकार्पण भी संपन्न हुआ।कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर रश्मि चौबे तथा अरुण कुमार पासवान ने किया।
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