Positive Media Bharat-uday Global Movement (03) शहीद भगत सिंह की कविता

Positive Media Bharat-uday Global Movement (03) शहीद भगत सिंह की कविता 
भगत सिंह ने यह कविता मार्च 1931 में लिखी थी, उनकी शहादत पर यह नज़्म समर्पित है.......
उसे यह फ़िक्र है हरदम,
नया तर्जे-जफ़ा क्या है?
हमें यह शौक देखें,
सितम की इंतहा क्या है?
दहर से क्यों खफ़ा रहे,
चर्ख का क्यों गिला करें,
सारा जहाँ अदू सही,
आओ मुकाबला करें।
कोई दम का मेहमान हूँ,
ए-अहले-महफ़िल,
चरागे सहर हूँ,
बुझा चाहता हूँ।
मेरी हवाओं में रहेगी,
ख़यालों की बिजली,
यह मुश्त-ए-ख़ाक है फ़ानी,
रहे रहे न रहे।.........

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