मां कालका के कुष्मांडा स्वरूप की पूजा-अर्चना की गई।

मां कालका के कुष्मांडा स्वरूप की पूजा-अर्चना की गई।
नई दिल्ली। प्राचीन सिद्धपीठ श्री कालकाजी मंदिर में तड़के से ही मां कालका के कुष्मांडा स्वरूप की पूजा-अर्चना के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित संजय भारद्वाज ने बताया,कि भागवत पुराण में देवी कुष्मांडा को अष्टभुजी माता बताया गया है, जिसमें देवी मां के हाथो में कमंडल, धनुष बाण,कमल का पुष्प, अमृत कलश,चक्र,गदा,और जप माला धारण की हुई है। 
उन्होंने बताया,कि मां के इस स्वरूप की पूजा-अर्चना करने से शक्ति,सुख समृद्धि और शांति का वास होता है। पंडित श्री भारद्वाज ने बताया,कि मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रत्येक द्वार पर पुजारी परिवार के पंडित हिमांशु भारद्वाज, सोनू भारद्वाज सुनील भारद्वाज, सुखलाल भारद्वाज, अतुल भारद्वाज, नवनीत भारद्वाज, पुनीत भारद्वाज,पार्थ भारद्वाज सहित टीम मां के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी ना हो, इसके लिए भवन के मुख्य द्वारो की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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