गुरु गोविंद सिंह जी का प्रकाश पर्व व उनके चार साहिबजादों के बलिदान पर आरजेसियंस ने दी श्रद्धांजलि. आरजेएस कार्यक्रम के सह-आयोजक ग्राम पंचायत सचिव जगदीश मालवीय ने कहा "गुरु का संदेश सार्वजनिक सेवा को प्रेरित करता है".
गुरु गोविंद सिंह जी का प्रकाश पर्व व उनके चार साहिबजादों के बलिदान पर आरजेसियंस ने दी श्रद्धांजलि. आरजेएस कार्यक्रम के सह-आयोजक ग्राम पंचायत सचिव जगदीश मालवीय ने कहा "गुरु का संदेश सार्वजनिक सेवा को प्रेरित करता है".
आरजेएस कार्यक्रम के सह-आयोजक ग्राम पंचायत सचिव जगदीश मालवीय ने कहा "गुरु का संदेश सार्वजनिक सेवा को प्रेरित करता है".
आरजेएस कार्यक्रम में युवा पीढ़ी को संदेश-"गुरूज्ञान व प्राचीन ज्ञान को आधुनिक उपकरणों यानी एआई के साथ जोड़ें".
31 दिसंबर को हैबिटेट सेंटर में प्रो.के जी सुरेश के सानिध्य में आरजेएस का मीडिया लिटरेसी वर्कशॉप का होगा.
नई दिल्ली – राम जानकी संस्थान पॉजिटिव ब्रॉडकास्टिंग हाउस (आरजेएस पीबीएच) और आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया के संस्थापक व राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने सिखों के दसवें गुरु,गुरु गोविंद सिंह जी के 359वें प्रकाश पर्व और वीर बाल दिवस के उपलक्ष्य में अपने 510वें वेबिनार का सफल आयोजन नायरा राजगढ़ मध्य प्रदेश के ग्राम पंचायत सचिव जगदीश चन्द्र मालवीय के सहयोग से आयोजित किया। दशम गुरु के चार साहिबजादों के अद्वितीय बलिदान को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य 17वीं शताब्दी के वीरतापूर्ण पाठों और 21वीं सदी के सशक्त व "सकारात्मक भारत" के रोडमैप के बीच एक सेतु स्थापित करना था। इसी कड़ी में 31 दिसंबर को हैबिटेट सेंटर में प्रो.के जी सुरेश के सानिध्य में आरजेएस का मीडिया लिटरेसी वर्कशॉप और न्यूज लेटर का लोकार्पण होगा.
पटियाला, पंजाब के 'फ्रीडम फाइटर्स सक्सेसर्स डिस्ट्रिक्ट ऑर्गनाइजेशन' के अध्यक्ष और मुख्य अतिथि जगदीप सिंह सिद्धू और कोषाध्यक्ष जसवीर सिंह धीमान , विचारक सुरजीत सिंह दीदेवार,कबीर लोक गायक दयाराम सारोलिया, राजेन्द्र सिंह कुशवाहा,कवयित्री रति चौबे, जादूगर जितेन्द्र सिंह बब्बर, एडवोकेट प्रदीप सारोलिया, डीपी सिंह कुशवाहा और युवा पीढ़ी के बच्चे करूणा और देवेन आदि ने कार्यक्रम को सफल बनाया।
खालसा दर्शन: वाहे गुरु जी का खालसा वाहे गुरु जी की फतेह,मानवता का वैश्विक रक्षक
आरजेएस पीबीएच के राष्ट्रीय संयोजक और कार्यक्रम के मॉडरेटर उदय कुमार मन्ना ने कहा कि खालसा पंथ के संस्थापक गुरु की विरासत को भारतीय आदर्श बताया" जिन्होंने अपने पिता गुरु तेग बहादुर जी की शहादत के बाद मात्र नौ वर्ष की आयु में नेतृत्व संभाला था, "राष्ट्र प्रथम" की भावना के सर्वोच्च प्रतीक हैं।
गुरु का संदेश :आधुनिक समय की सार्वजनिक सेवा । सह-आयोजक और मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के ग्राम पंचायत सचिव जगदीश चंद्र मालवीय ने ग्रामीण विकास में अपने अनुभवों को साझा किया। श्री मालवीय ने बताया कि उनकी आध्यात्मिक आस्था ही उनके कार्यों की प्रेरणा है। उन्होंने अब तक चार हजार से अधिक ग्रामीणों, विशेषकर गरीब मजदूरों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुँचाया है। उन्होंने कहा, "अगर वे बच्चे अपने मूल्यों के लिए साम्राज्य के सामने खड़े हो सकते थे, तो हमें भी ईमानदारी से समाज की सेवा करने का साहस जुटाना चाहिए।"
मुख्य वक्ता और 'दीदेवार जीवन ज्योति' के संस्थापक सुरजीत सिंह दीदेवार ने सिख पहचान का गहन आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विश्लेषण प्रस्तुत किया। उन्होंने "शेर" और "सिंह" के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब अद्वितीय है क्योंकि इसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों संतों की वाणी शामिल है। स्वर्ण मंदिर के चार द्वार भी इसी बात का प्रतीक हैं कि यहाँ मानवता के हर वर्ग का स्वागत है।
साहिबजादों की शहादत: साहस की समय-सारणी
"शहादत सप्ताह" (21-27 दिसंबर) को समर्पित था। पटियाला, पंजाब के 'फ्रीडम फाइटर्स सक्सेसर्स डिस्ट्रिक्ट ऑर्गनाइजेशन' के विशेषज्ञों ने इन घटनाओं का विस्तृत विवरण दिया।संगठन के अध्यक्ष और मुख्य अतिथि जगदीप सिंह सिद्धू ने चमकौर के युद्ध पर प्रकाश डाला, जहाँ बड़े साहिबजादे—अजीत सिंह और जुझार सिंह—वीरगति को प्राप्त हुए थे।श्री सिद्धू ने कहा, "सिख परंपरा सभी धर्मों की रक्षा करने की रही है। खालसा पंथ की स्थापना इसलिए की गई थी ताकि भारत में कोई भी व्यक्ति अत्याचार के सामने खुद को असहाय महसूस न करे।"
संगठन के कोषाध्यक्ष जसवीर सिंह धीमान ने छोटे साहिबजादों—जोरावर सिंह (9 वर्ष) और फतेह सिंह (7 वर्ष)—की शहादत का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि किस तरह मुगल शासकों द्वारा दिए गए प्रलोभनों को ठुकराकर उन्होंने दीवारों में जिंदा चुने जाना स्वीकार किया, लेकिन अपना धर्म और स्वाभिमान नहीं छोड़ा। धीमान ने भावुक स्वर में कहा, "यह हार की कहानी नहीं है, बल्कि शरीर पर आत्मा की जीत की कहानी है।"
"जमीनी सेवा और कानून व्यवस्था का दृष्टिकोण"
इंदौर पुलिस के सहायक उप-निरीक्षक (ASI) अमर सिंह मालवीय ने भी इस विचार का समर्थन किया। अपने परिवार के साथ कार्यक्रम में शामिल हुए पुलिस अधिकारी ने कहा कि साहिबजादों की वीरता की कहानियाँ पुलिस बल में कर्तव्य की भावना पैदा करती हैं।
'अमृत पीढ़ी' का सशक्तिकरण और तकनीक की भूमिका"
एक विशेष संवादात्मक सत्र में छात्र करुणा मालवीय (कक्षा 8) और देवन (कक्षा 6) ने भाग लिया। जब करुणा ने डॉक्टर बनने का सपना साझा किया, तो उदय कुमार मन्ना ने उन्हें साहिबजादों की "कभी हार न मानने वाली" भावना को अपनी पढ़ाई में लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया।
श्री मन्ना ने बच्चों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से परिचित कराया और इसे उनकी पीढ़ी का "अगला मोर्चा" बताया। उन्होंने कहा, "भविष्य उनका है जो प्राचीन ज्ञान को आधुनिक उपकरणों के साथ जोड़ेंगे।" उन्होंने प्रसिद्ध कहावत "रसरी आवत जात सिल पर परत निशान" का उदाहरण देते हुए बच्चों को निरंतर अभ्यास और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ने की सलाह दी।
"दस्तावेजीकरण और मीडिया साक्षरता की पहल"
आरजेएस पीबीएच ने भारत की आध्यात्मिक विरासत को संजोने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। न्यूज लेटर के पूर्व संपादक संपादक राजेंद्र सिंह कुशवाहा ने पटना साहिब (गुरु का जन्मस्थान) और फतेहगढ़ साहिब की हालिया तीर्थयात्रा का विवरण साझा किया। श्री मन्ना ने पुष्टि की कि इन ऐतिहासिक स्थलों पर आरजेएस परिवार के साथ गहन चर्चा रिकॉर्ड की गई है, जिन्हें संगठन की नई "डिजिटल डेटा लाइब्रेरी" में संजोया गया है।
श्री मन्ना ने इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में नये साल की पूर्व संध्या पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम की जानकारी दी, जिसमें'मीडिया साक्षरता' कार्यशाला/न्यूज लेटर दिसंबर अंक का लोकार्पण/काव्य पाठ और नये कार्यक्रम सक्सेस स्टोरी पर टीम रिपब्लिक डे 2026(टीआरडी26 )के साथ चर्चा होगी। एमसीयू के कुलपति और आईआईएमसी के पूर्व महानिदेशक तथा आईएचसी के निदेशक प्रो. के.जी. सुरेश के मार्गदर्शन में होने वाली यह कार्यशाला सोशल मीडिया पर फैलने वाले भ्रम और दुष्प्रचार का मुकाबला करने के उद्देश्य से तैयार की गई है।
सांप्रदायिक सद्भाव और कला के स्वर
वेबिनार में राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने वाले विविध योगदानकर्ता शामिल थे:
जितेंद्र सिंह बब्बर: पेशेवर जादूगर और आरजेएस सदस्य श्री बब्बर ने "सकारात्मक सोच" पर बात करते हुए कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी का जीवन हमें सिखाता है कि सब कुछ खो जाने पर भी "चढ़दी कला" (अदम्य उत्साह) कैसे बनाए रखी जाती है।
दयाराम सारोलिया: मध्य प्रदेश देवास के कबीर भजन लोक गायक दयाराम सारोलिया ने संत कबीर के भजनों के माध्यम से भेदभाव मुक्त समाज का आह्वान किया।
रति चौबे: नागपुर, महाराष्ट्र की कवयित्री रति चौबे ने साहिबजादों को "भारत की शान" बताते हुए एक प्रेरक कविता का पाठ किया। उनकी पंक्तियों ने उन्हें धर्म का रक्षक और आतंक के सामने चट्टान की तरह अडिग बताया।
निष्कर्ष और भविष्य का रोडमैप
510वें वेबिनार का समापन 2047 तक "सकारात्मक भारत" के निर्माण के सामूहिक संकल्प के साथ हुआ। उदय कुमार मन्ना ने घोषणा की कि अगला महत्वपूर्ण पड़ाव 77वें गणतंत्र दिवस अंतरराष्ट्रीय महोत्सव 23 जनवरी को "पराक्रम दिवस" (नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती) और बसंत पंचमी पर होगा। इसी दिन "टीम रिपब्लिक डे 2026" (TRD) से टीम इंडेपेंडेंस डे फंक्शन अगस्त 2026 (टीफा2026 पहल की आधिकारिक शुरुआत भी होगी, जिसका लक्ष्य देश-विदेश में एकजुटता और वीरता की भावना कका पराक्रम सुदृढ़ करना है।
आध्यात्मिक जड़ों को आधुनिक सामाजिक और तकनीकी उपकरणों के साथ जोड़कर, आरजेएस पीबीएच परिवार ने यह सिद्ध किया कि गुरु गोविंद सिंह जी के परिवार का बलिदान आज भी भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक जीवंत प्रेरणा है,और रहेगा।
आकांक्षा मन्ना
आरजेएस पीबीएस -आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया
9811705015.
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