प्रसिद्ध कवि, कथाकार और साहित्यकार राजेन्द्र उपाध्याय को गुरु के नाम का एक लाख रुपए का पुरस्कार हेतु चयन। साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद भोपाल द्वारा आरजेएस फैमिली से जुड़े सकारात्मक व्यक्तित्व श्री उपाध्याय को पुस्तक 'नार्वे, समुद्र और जहाज' के लिए इस बड़े पुरस्कार के लिए चयनित किया है। देश विदेश से उन्हें बधाईयां मिल रही हैं। #rjspositive
प्रसिद्ध कवि, कथाकार और साहित्यकार राजेन्द्र उपाध्याय जी को गुरु के नाम का एक लाख रुपए का पुरस्कार के लिए चयन।
साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद भोपाल द्वारा आरजेएस फैमिली से जुड़े सकारात्मक व्यक्तित्व श्री उपाध्याय को पुस्तक 'नार्वे, समुद्र और जहाज' के लिए इस बड़े पुरस्कार के लिए चयनित किया है। देश विदेश से उन्हें बधाईयां मिल रही हैं। #rjspositive
सैलाना (निप्र) मूलतः सैलाना निवासी देश के प्रसिद्ध कवि, कथाकार और साहित्यकार राजेंद्र उपाध्याय को साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद भोपाल ने कैलेंडर वर्ष 2018 के अखिल भारतीय पुरस्कार प्रोफेसर विष्णुकांत शास्त्री (यात्रा वृतांत) के लिए चयनित किया है। बड़ी बात तो यह भी है कि प्रोफेसर शास्त्री राजेंद्र उपाध्याय के गुरु रहे हैं।
इस पुरस्कार की घोषणा के साथ ही उन्हें देश-विदेश से बधाईयां और शुभकामनाएं मिल रही हैं। आरजेएस फैमिली से जुड़े श्री उपाध्याय की इस उपलब्धि पर परिवार गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
24 नवंबर 2022 को उक्त परिषद ने 13 अखिल भारतीय व 15 प्रादेशिक कृति पुरस्कारों की घोषणा की। व चयनित पुरस्कारों के लिए कवि, साहित्यकारों, निबंधकारों की सूची भी जारी की है।
अखिल भारतीय पुरस्कार से पुरस्कृत विभूति को एक लाख रुपए नगद व प्रशस्ति पत्र व शाल श्रीफल से सम्मानित किया जाएगा। तथा प्रादेशिक पुरस्कार से पुरस्कृत विभूति को ₹51 हजार व प्रशस्ति पत्र तथा शाल श्रीफल समारोह पूर्वक प्रदान किए जाएंगे।
उपाध्याय को अपनी पुस्तक 'नार्वे, समुद्र और जहाज' के लिए इस बड़े पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है।
श्री उपाध्याय की उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तक की शिक्षा सैलाना में ही हुई-*
वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय लक्ष्मीनारायण त्रिवेदी के नाती व स्वर्गीय कैलाश नारायण त्रिवेदी के भाणजे उपाध्याय की प्रारंभिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तक की शिक्षा सैलाना में ही संपन्न हुई। वे साहित्य जगत के बड़े नाम हैं। उपाध्याय अपनी सफलता में अपने नाना स्वर्गीय लक्ष्मीनारायण त्रिवेदी द्वारा दिए गए जीवन के प्रारंभिक दौर के संस्कारों को मानते हैं।
*यह उपलब्धियां हैं उनकी-*
2018 में आकाशवाणी दिल्ली से संयुक्त निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए उपाध्याय का सेवा सफर 1983 में दिल्ली में ही भारतीय सूचना सेवा केंद्र से शुरू हुआ था। उपाध्याय के पिता डॉ एम. एल. उपाध्याय मूलतः शिवगढ़ निवासी थे। और रतलाम से ला में स्नातक की डिग्री लेने के पश्चात उन्होंने भारत सरकार के वजीफे से लंदन में एल. एल. एम. व पीएचडी किया था। नई दिल्ली, कोलकाता, मेरठ, जबलपुर, शिमला सहित भारत के कई बड़े नगरों में उन्होंने कानून का अध्यापन कराया। उच्चतम न्यायालय व उच्च न्यायालय के कई जज उनके संपर्क में रहे।
राजेंद्र उपाध्याय को सस्ता साहित्य मंडल से प्रकाशित यात्रा- वृतांत 'नार्वे, समुद्र और जहाज' पर यह पुरस्कार मिल रहा है। इससे पूर्व भी उन्हें भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय व दिल्ली की हिंदी अकादमी ने पुरस्कार दिए हैं। वे विश्व हिंदी सम्मेलन न्यूयार्क, मॉरीशस व भोपाल में भारत सरकार के प्रतिनिधि के रुप में भागीदारी कर चुके हैं। वर्तमान में नोएडा में निवासरत उपाध्याय 30 से ज्यादा पुस्तकें व कविता संग्रह लिख चुके हैं। साहित्यिक व कविता जगत में उनके द्वारा लिखित पुस्तकों को बड़े चाव से पढ़ा जाता है।
उपाध्याय की इस उपलब्धि पर उनके शिक्षक रहे सैलाना के सेवानिवृत्त व्याख्याता सुजानमल भंडारी सहित कई साहित्यकारों ने हर्ष व्यक्त किया है।
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