ट्रेड फेयर में आरजेएस की बैठक में सुनील कुमार सिंह ने कहा- सांस्कृतिक विविधता में एकता भारत की शक्ति है.

ट्रेड फेयर में आरजेएस की बैठक में सुनील कुमार सिंह ने कहा- सांस्कृतिक विविधता में एकता भारत की शक्ति है.
आईआईटीएफ एक मिनी इंडिया है जहां सभी राज्यों की सांस्कृतिक विविधता का श्रेष्ठ प्रदर्शन होता है-विवेकानंद विवेक 
नई दिल्ली, 23 नवंबर — 14-27 नवंबर तक आयोजित 44वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (IITF) 2025 के मीडिया सेंटर में आरजेएस पीबीएस -आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया ने एक भारत श्रेष्ठ भारत में सांस्कृतिक विविधता को लेकर चर्चा आयोजित की।
 इस कार्यक्रम में, RJS PBH -आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया के संस्थापक और राष्ट्रीय संयोजक, उदय कुमार मन्ना ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गेनाइज़ेशन के उप महाप्रबंधक विवेकानंद विवेक की अध्यक्षता में आयोजित संगोष्ठी में और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के कार्यक्रम निदेशक सुनील कुमार सिंह बतौर मुख्य अतिथि धर्मपत्नी श्रीमती पुष्पांजलि के साथ उपस्थित हुए। 
इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेशन (आईटीपीओ), भारत मंडपम के उप महाप्रबंधक, विवेकानंद विवेक ने RJS PBH के प्रयासों की सराहना की और व्यापार मेले की अभिन्न भूमिका को एकता के वाहक के रूप में रेखांकित किया। श्री विवेक ने कहा, राज्य दिवस समारोहों के साथ"आईआईटीएफ एक मिनी इंडिया है," उन्होंने पारंपरिक 🙏 ग्रामीण जीवन के बारे में एक किस्सा साझा किया, जहाँ प्रमुख जीवन की घटनाओं के लिए पूरा समुदाय सहज रूप से संसाधन जुटाता था—एक संगठित टीमवर्क का प्रदर्शन जो क्षेत्रीय मतभेदों से परे है। 
विदेश मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के कार्यक्रम निदेशक, सुनील कुमार सिंह ने इस बात पर संदर्भ प्रदान किया कि भारत की आंतरिक विविधता वैश्विक कूटनीतिक शक्ति में कैसे बदलती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की मूल शक्ति इसकी गहन विविधता में निहित है: "हमारे पास 22 आधिकारिक भाषाएँ हैं, और सभी राज्यों की अलग अलग संस्कृति, भूगोल, राजनीति, सिद्धांत, विचार और यहाँ तक कि रहन-सहन और व्यंजनों में भी अलग पहचान है।" इसी विविधता में भारत की एकता है ।
श्री सुनील कुमार सिंह ने गिरमिटिया देशों (जैसे त्रिनिदाद, गुयाना और फिजी—जिनकी आबादी गिरमिटिया मजदूरों के वंशज हैं जिन्होंने सदियों से भारतीय संस्कृति को बनाए रखा है) में प्रवासी भारतीयों के बीच भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने में आईसीसीआर की सक्रिय भूमिका का विवरण दिया। आईसीसीआर अकादमिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है, जिसके तहत 5,000 विदेशी छात्र भारत में अध्ययन कर रहे हैं और विदेशी विश्वविद्यालयों में 51 भारतीय अध्ययन केंद्र स्थापित किए गए हैं। कार्यक्रम को आरजेएस टेक्निकल टीम ने यूट्यूब व फेसबुक पर लाइव प्रसारित किया।
कार्यक्रम में साधू प्रेमसागर, कवि अशोक कुमार मलिक,रवि कपूर ,प्रशांत यादव, संतोष झा आदि ने संबोधित किया।
कार्यक्रम का समापन और धन्यवाद ज्ञापन आरजेएस पीबीएस परिवार की पुष्पांजलि ने किया। उन्होंने संगोष्ठी की गहराई की सराहना की और मेले द्वारा घरेलू और विदेशी कला एवं संस्कृति को जोड़ने के महत्व को दोहराया।

आकांक्षा मन्ना 
आरजेएस पीबीएस -
आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया 
8368626368

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