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Showing posts from June, 2021

01 जुलाई ‌राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस पर RJS सूचना केंद्र पटना के सदस्य व युवा टोली राष्ट्रीय वेबिनार में भाग लेंगे. RJS राष्ट्रीय वेबिनार में पद्मश्री व डा.बीसी राॅय पुरस्कार से सम्मानित दिवंगत डा के‌ के अग्रवाल के नाम आरजेएस राष्ट्रीय सम्मान होगा घोषित.

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राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस पर आरजेएस सूचना केंद्र पटना के सदस्य व युवा टोली राष्ट्रीय वेबिनार में भाग लेंगे. प्रभारी- आरजेएस सकारात्मक भारत सूचना-केंद्र पटना वेबिनार में पद्मश्री व डा.बीसी राॅय पुरस्कार से सम्मानित डा के‌ के अग्रवाल के नाम आरजेएस राष्ट्रीय सम्मान होगा घोषित पटना/ 1 जुलाई को देश भर में राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस मनाया जाता है। यह दिवस पश्चिम बंगाल के द्वितीय मुख्यमंत्री और महान चिकित्सक डॉ बिधान चंद्र राय की के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।  इस अवसर पर आयोजित आरजेएस राष्ट्रीय वेबिनार में आरजेएस सकारात्मक भारत सूचना केंद्र पटना बिहार भी भाग लेगा।  इस संबंध में सूचना केंद्र के प्रभारी साधक ओम प्रकाश झुनझुनवाला ने बताया कि हमारी आरजेएस युवा टोली और केंद्र के भाई बहन एक ऐसे वेबीनार में भाग लेने जा रहे हैं, जिसमें महान चिकित्सक व समाजसेवी कोरोना योद्धा डॉ के के अग्रवाल के नाम अवार्ड घोषित होने जा रहा है ।इस कदम से आयोजक संस्था राम जानकी संस्थान (आरजेएस)नई दिल्ली के राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने देश को सकारात्मक संदेश दे दिया।  श्र

*On Doctor's Day*01st July2021 *RJS National Award in the memory of Dr K K Aggarwal*. *In RJS webinar on Kovid 19 and immunity**Dr. Agarwal's family and doctors will join to pay tributes.

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*On Doctor's Day*  *RJS National Award in the memory of  Dr K K Aggarwal*.  *In RJS webinar on Kovid 19 and immunity* *Dr. Agarwal's family and doctors will join to pay tributes.*  *New Delhi .On National Doctor's Day, 1st July, to honor the selfless service spirit of Agarwal, RJS Bharat-Uday Dr. K.K.  Agarwal Memorial Award 2021 will be announced. There will be a lecture by Clinical Nutritionist Ishi Khosla on COVID and Immunity.  Doctor's Day is celebrated every year to commemorate the birthday of Dr. Bidhan Chandra (BC) Roy, the second Chief Minister of Bengal and the great physician.* *Uday Kumar Manna, National Convener of Ram Janaki Sansthan (RJS), informed that Dr. Aggarwal, who was honoured with Padma Shri and Dr. B.C. Roy Award made people aware of Covid19. He also managed to save thousands of lives during the past 25 years. His dedication to disseminate information and knowledge in simple words is highly commendable.*  *Thousands of his

देवांशी रंजन 'डायना अवार्ड' से सम्मानित, मिल रही हैं बधाईयां........ सेवा भावना की प्रेरणा मुझे अपने पिता श्री राजीव रंजन (डीसीपी, एयरपोर्ट) व अपनी मम्मी से मिली - देवांशी

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देवांशी रंजन 'डायना अवार्ड' से सम्मानित।.. सेवा भावना की प्रेरणा मुझे अपने पिता श्री राजीव रंजन (डीसीपी, एयरपोर्ट) व अपनी मम्मी से मिली - देवांशी .नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के प्रतिष्ठित लेडी श्रीराम कॉलेज की तृतीय वर्ष की छात्रा सुश्री देवांशी रंजन को वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमणकाल के दौरान निर्भीक रुप से सामाजिक व मानवीय सेवाओं में अग्रणी भूमिका निभाने पर डायना अवार्ड से सम्मानित किया। वर्चुअल मीटिंग के दौरान हाईनैस प्रिंस विलियम,द ड्यूक आफ कैम्ब्रिज,ड्यूक एक्सेस व प्रिंस हैरी की उपस्थिति में यह अवार्ड देवांशी रंजन को दिया गया। इस अवार्ड मिलने के बाद सुश्री देवांशी रंजन ने कहा,कि सेवा भावना की प्रेरणा मुझे अपने पिता श्री राजीव रंजन (डीसीपी, एयरपोर्ट) व अपनी मम्मी से मिली है। देवांशी का नाम आर श्रेणी के अंतर्गत रोल आफ आनर 2020 में सूचीबद्ध हैं। बहरहाल, देवांशी को मिले इस अवार्ड के बाद उनके अपने मित्र उन्हें शुभकामनाएं दे रहे हैं,साथ ही उनका कहना है कि देवांशी इस अवार्ड के लिए डिजर्व भी करती है। रिपोर्ट RJS POSITIVE MEDIA 8882704561

विश्व योग दिवस की पूर्व संध्या पर आरजेएस राष्ट्रीय वेबिनार में योग व अध्यात्म पर परिचर्चा, सकारात्मक भारत भवन व सूचना-केंद्र का उद्घाटन और दिवंगत संपादक को श्रद्धांजलि.

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विश्व योग दिवस की पूर्व संध्या पर योग व अध्यात्म पर आरजेएस वेबिनार और कोरोना से दिवंगत पत्रकार को श्रद्धांजलि. वेबिनार में आरजेएस सकारात्मक भारत भवन केंद्रीय कार्यालय और  देशभर में खुलने वाले सूचना-केंद्रों का उद्घाटन हुआ । नई दिल्ली/  राम-जानकी संस्थान आरजेएस द्वारा  7वां  विश्व योग दिवस की पूर्व संध्या पर  राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया । इसमें कोरोना से निधन संपादक/पत्रकार सुरेश त्रेहण को दस राज्यों से जुड़ी आरजेएस फैमिली के सदस्यों ने  श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर स्व०श्री त्रेहण की धर्मपत्नी श्रीमती शशि त्रेहन और परिवार के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे। आरजेएस फैमिली से जुड़े नजफगढ़ संवाद के दिवंगत संपादक स्व०‌सुरेश त्रेहण को श्रद्धांजलि देने वालों में समाजसेवी हरेंद्र सिंघल,बिनोद बंसल, डा. नरेंद्र टटेसर, प्रांजल श्रीवास्तव,मानिक मिगलानी,अक्षरा,विशाल त्रेहण,महक त्रेहण, डा पुष्कर बाला,साधक ओमप्रकाश झुनझुनवाला,आशीष पाण्डेय, डा.अखिलेश चंद्र, डा.शकुंतला ठाकुर,विनोद मेहरा,प्रेमप्रभा झा और संतोष झा,सुमन झुनझुनवाला, दलशेर आर्य,राजदेव यादव,वैभव,अल्ताफ हुस

प्रेरक व्यक्तित्व और पद्मश्री से सम्मानित "फ्लाइंग सिख" - मिल्खा सिंह होना आसान नहीं: डा.अखिलेश चन्द्र,एसोसिएट प्रोफेसर, शिक्षा संकाय श्री गाँधी पी जी कॉलेज,मालटारी,आजमगढ़, 19-06-2021 #rjspositivemedia,#rjsmedia,

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प्रेरक व्यक्तित्व "फ्लाइंग सिख" पद्मश्री से सम्मानित  मिल्खा सिंह होना आसान नहीं: डा.अखिलेश चन्द्र, एसोसिएट प्रोफेसर, शिक्षा संकाय श्री गाँधी पी जी कॉलेज,मालटारी, आजमगढ़  #rjspositivemedia,#rjsmedia, -------------------- (RJS पाॅजिटिव मीडिया---दिल्ली)- 20 नवम्बर 1929 को (गोविंदपुरा,जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है)में जन्म लेने वाले मिल्खा सिंह 18 जून 2021 को जिन्दगी का जंग 91 वें वर्ष में हार गये।अभी 05 दिन पूर्व ही उनकी पत्नी निर्मल कौर जी जो 1962 में भारतीय महिला बॉलीवाल टीम की कप्तान रह चुकी है ,का भी देहांत हुआ है ।मिल्खा सिंह जी की 3 बेटियां और एक बेटा जीव मिल्खा सिंह एक भारतीय गोल्फर हैं।भारतीय धावक और भारत को विश्व ओलम्पिक में गोल्ड मेडल दिलाने वाले मिल्खा सिंह का जीवन इतना आसान नहीं था जितनी ऊँचाई उन्होंने अपने को और अपने देश को दिलाई।भारत सरकार से पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त यह भारत का धावक विश्व फलक पर अपना परचम लहराने वाला, खिलाड़ी उन संघर्षो से अपने आप को तपाया था जिसमें सोना गलाकर गहना बनाया जाता है।सोने का गोल्ड मेडल प्राप्त करने के लिये मिल्खा सिंह ने सोना

1 रूपये फीस लेकर बच्चों को शिक्षित करने वाले सुजीत चट्टोपाध्याय पद्मश्री सम्मान से हुए सम्मानित, पेश कर रहे हैं इंसानियत की नई मिसाल .‘केवल दूसरों के लिए जिया गया जीवन ही सार्थक होता है।’ #rjspositivemedia

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1 रूपये फीस लेकर बच्चों को शिक्षित करने वाले सुजीत चट्टोपाध्याय पद्मश्री सम्मान से हुए सम्मानित, पेश कर रहे हैं इंसानियत की नई मिसाल  ‘केवल दूसरों के लिए जिया गया जीवन ही सार्थक होता है।’  #rjspositivemedia,  यह कथन पूरी तरह से सुजीत चट्टोपाध्याय के जीवन पर सटीक बैठता है।  जो अपने लिए नहीं, बल्कि निःस्वार्थ भाव से मानवता की सेवा कर रहे हैं। इनके बारे में जानकर आपका अच्छाई पर विश्वास और मज़बूत हो जाएगा।  सुजीत चट्टोपाध्याय पेशे से एक शिक्षक हैं। वो करीब 350 छात्रों को पढ़ाते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी आज की इस मंहगाई के दौर में भी वो सालाना 1 रूपये प्रति छात्र फीस लेते हैं। सुजीत चट्टोपाध्याय की खास बात यह है कि 76 वर्ष की उम्र में भी वो पूरे जोश से बच्चों को पढ़ाते हैं। गांव के लोग उन्हें ‘मास्टर मोशाई’ कहते हैं। आज सुजीत चट्टोपाध्याय की बदौलत कई गरीब छात्र अपने जीवन में अच्छे मुकाम पर पहुंच चुकें है। सुजीत चट्टोपाध्याय के इसी जज्बे के कारण भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया है। लेकिन सुजीत चट्टोपाध्याय के लिए एक छोटे से गांव से निकलकर पद्मश्री पाने तक क

केन्द्र शासित प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के युवा जनरल सेक्रेटरी कोरोना से काल के ग्रास बने, पिछले महीने मां को भी खोया.... #rjspositivemedia

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केन्द्र शासित प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के युवा जनरल सेक्रेटरी कोरोना से काल के ग्रास बने, पिछले महीने मां को भी खोया.... नई दिल्ली। केन्द्र शासित क्रिकेट एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी श्री पी.प्रमोद का कोरोना महामारी के संक्रमण की चपेट में आने से मौत हो गई। 38 वर्षीय श्री प्रमोद की फरवरी 2021 में शादी हुई थी। सभी केन्द्र शासित प्रदेशों में सरकारी वर्गों में शामिल अधिकारियों को क्रिकेट प्रतियोगिता से जोड़ने और उन्हें सुविधाएं उपलब्ध कराने में श्री प्रमोद का बहुत बड़ा हाथ था। दुर्भाग्य ये रहा,कि पिछले महीने ही अपनी मां की कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद वे दिन रात उनकी सेवा में लगे रहे, लेकिन अपनी मां को बचा नही सके,और खुद भी कोरोना की चपेट में आ गए, लेकिन आज उन्होंने भी दम तोड़ दिया।तीन महीने पहले ही शादी हुई उनकी धर्मपत्नी इस समय सदमे में हैं। क्योंकि उन्होंने अल्प समय में अपने ससुराल में पहले अपनी सासु मां और अब अपने पति को कोविड संक्रमण के चलते खो दिया।  स्व. पी.प्रमोद की लोकप्रियता और उनके समर्पण को आज भी याद कर रहे हैं-बाबर खान। आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया 9811

श्लील साहित्य का भोजपुरी फिल्मों में बिगड़ता स्वरूप चिंताजनक, अश्लीलता के खिलाफ समाज और बच्चों के अभिभावकों को सामने आना होगा :डॉ0 अखिलेश चन्द्र, #rjspositivemedia

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श्लील साहित्य का भोजपुरी फिल्मों में बिगड़ता स्वरूप चिंताजनक :डॉ0 अखिलेश चन्द्र ------------------------------- भारतीय फ़िल्म उद्योग ने इतना अच्छा गोल्डन इरा अपने गीतों से दिया है कि जब उन दिनों के गीत सुनिये तो लगता है आत्मा का परमात्मा से मिलन हो रहा है।फ़िल्म कोहिनूर( 1960)के गीत को ही लीजिये 'दो सितारों का जमीं पर है मिलन आज की रात' संगीतकार नौशाद और गीतकार शकील बदायूँनी गायक मोहम्मद रफ़ी और लता मंगेशकर अभिनय दिलीप कुमार और मीनाकुमारी या फ़िल्म -'दो आंखे बारह हाँथ' (1957) का गीतकार भरत व्यास और संगीतकार बसन्त देसाई और लता मंगेशकर और मन्ना डे की आवाज में गाया गीत ' ये मालिक तेरे बन्दे हम ऐसे हों हमारे करम, नेकी पर चले और बदी से बचें ताकि हँसते हुये निकले दम'जितनी बार सुना जाय एक नया जीवन और नए ऊर्जा का संचार तन और मन में भरने लगता है।हिन्दी फ़िल्मों के एक से एक गाने श्लील साहित्य से भरे पड़े हैं।फ़िल्म नया दौर (1957)का सदाबहार गीत जिसे मोहम्मद रफ़ी और आशा भोंसले ने अपनी आवाज से अमर कर दिया है।संगीतकार ओ.पी.नैय्यर और साहिर लुधियानवी का गीत और दिलीप कुमार और

राजधानी दिल्ली के श्मशान घाटों के प्लेटफार्म पुनः नान-कोविड किए जाएं... विजय शर्मा।

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राजधानी दिल्ली के श्मशान घाटों के प्लेटफार्म पुनः  नान-कोविड किए जाएं... विजय शर्मा।       07-06-2021          नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के केसों में भारी कमी व मृतकों की संख्या भी न्यूनतम स्तर पर आते हुए श्री देवोत्थान सेवा समिति (पंजी) के महामंत्री विजय शर्मा ने आज दिल्ली के उपराज्यपाल श्री अनिल बैजल से मांग की है,कि दिल्ली नगर निगमों के अंतर्गत आने वाले सभी कोविड श्मशान घाटो में कोविड संक्रमण मृतकों की संख्या न्यूनतम होने के कारण अब आरक्षित प्लेटफार्मों की संख्या को कम कर देना चाहिए। जिससे की अब नान कोविड मृतकों को श्मशान घाटो में पर्याप्त जगह मिल सके।श्री शर्मा ने बताया,कि दिल्ली में कोविड की दूसरी लहर से मचे हा हाकार के दौरान मुख्य कोविड दाह संस्कार श्मशान घाटो में प्लेटफार्म रिजर्व कर दिए गए थे,जो अभी तक रिजरव श्रेणी में ही है, जिसके कारण कई बार अब इन घाटों पर सामान्य मृतकों के परिवारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा,कि वक्त की नजाकत को देखते हुए अब कोविड संक्रमित मृतकों के प्लेटफार्म कम कर दिए जाने चाहिए।गौरतलब है,कि दिल्ली के मुख्य

द बुक लाईन पब्लिशर्स के प्रमुख दिवंगत सुनील भनोट जी को आरजेएस राष्ट्रीय वेबिनार 6जून को श्रद्धांजलि और सुरजीत सिंह जी (दीदेवार) काआध्यात्मिक व्याख्यान. # rjspositivemedia

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RJS फैमिली द्वारा दिवंगत सुनील भनोट जी को आज 6जून को वर्चुअल श्रद्धांजलि 🙏🙏 सुनील भनोट जी का जन्म दिल्ली में 7 अगस्त 1967 को हुआ था। उनकी दो बड़ी बहने हैं।  उनकी माता राजरानी भनोट और  पिता रामलुभाया भनोट पंजाब के रहनेवाले थे ।बचपन में ही सुनील भनोट जी का स्वभाव एक आज्ञाकारी पुत्र एवं मेधावी छात्र का सा था ।सन उन्नीस सौ  में सुनील जी ने एक प्राइवेट संस्था में कार्य आरंभ किया ,जिसका कार्य किताब प्रकाशन के क्षेत्र में था। लगता है यहीं से उनके जीवन की उड़ान को पंख मिले।  सन 1988 में एक सरकारी संस्था में कार्यरत हुए।  सन 1996 में उनका विवाह श्रीमती इंदु जोशी से हुआ । सन 1999 में उनकी पुत्री ईसी भनोट का जन्म हुआ । सन 2003 में सरकारी नौकरी से इस्तीफा देने के बाद अपनी *द बुक लाइन* नाम से प्रकाशन संस्था स्थापित की और यहीं से इस क्षेत्र में अपनी पहचान बनानी शुरू की। कुछ वर्षों के कड़े संघर्ष के बाद उनका यह व्यवसाय फला फूला और इसे न सिर्फ देश में बल्कि विदेश तक पहुंचाया।  6 मई 2021 को हृदय गति रुकने से सुनील भनोट जी का निधन हो गया।स्व० सुनील भनोट जी ‌का आरजेएस फैमिली के